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अधिकारियों की मिलीभगत से, अवैध खनन जोरों पर

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स्थान / थराली

रिपोर्ट / गिरीश चंदोला

देशभर में कोरोना से बचाव के लिए लॉकडाउन का एलान है ,बिना अनुमति के सड़क पर फर्राटा भर रहे वाहनों के पास नही होने पर पुलिस कार्यवाही कर रही है ,बिना अनुमति के लॉकडाउन की अवधि में आप कोई ऐसा कार्य नही कर सकते जिससे लॉकडाउन की शर्तो का उलंघन हो रहा हो ,तो वहीं अर्थव्यवस्था पर पड़ रही कोरोना की मार को देखते हुए सरकार के राजस्व को जुटाने के लिए सरकार ने जिला प्रशासन को जिले में खनन कार्य सहित सड़को के कार्य कराए जाने की छूट भी दी है

थराली मे पिण्डर नदी में रिवर ट्रेनिंग और राज्य के राजस्व को लेकर किए गए पट्टों की नीलामी के बाद लूट खसोट का जो कार्य किया जा रहा है उसे लेकर लोगों में चर्चाएं आम हैं। लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर पिंडर नदी में खनन कर रही यह मशीनें किसकी अनुमति से चल रही है। बता दें कि कोविड- 19 की रोकथाम के लिए किए गए लॉकडाउन फेज 1 के ब बाद राज्य सरकार ने गाइडलाइन जारी करते हुए राज्य में खनन कार्य शुरू करवाने के लिए नियम व शर्तें निर्धारित की थी, जिसमें प्रस्तावित था कि जो भी लोग कार्य करना चाहते हैं जिलाधिकारी से अनुमति लेकर कार्य कर सकते हैं और अनुमति का रोना ये है कि जिले में वैध खनन को सुचारू और अवैध खनन को रोकने का जिम्मा जिस अधिकारी के कंधों पर है उन्हें ही लॉकडाउन में मुख्यालय से कहीं भी आने जाने की अनुमति नही मिल रही है ये अधिकारी हैं खुद जिले खनन अधिकारी ।
अब चमोली मे जिलाधिकारी ने खनन सम्बन्धी कार्य की अनुमति की शक्तियां उपजिलाधिकारी को दे दी ,अब खनन मे पट्टाधारक जो भी कार्य करेंगे उसके लिए उन्हें सारी सूचनाएं और अनुमति उपजिलाधिकारी से ही दी जानी थी,उपजिलाधिकारी थराली द्वारा बाकायदा खनन पट्टाधारकों को लॉकडाउन की शर्तों के अनुपालन सम्बन्धी नियमो की एक प्रति भी दी गयी , इसमें वाहनों एवं मशीनों के प्रयोग की यदि आवश्यकता है तो उसकी अनुमति भी उप जिलाधिकारी के माध्यम से प्राप्त करनी थी। लेकिन यहाँ खनन कर रही मशीनों को लेकर ना तो उपजिलाधिकारी और ना ही जिला खान अधिकारी ने कोई अनुमति दी है।, तो आखिर मशीनें कैसी चल रही है। जबकि इसी खनन सामग्री को ढोने के लिए तहसील प्रशासन सहर्ष डंपरों की अनुमति दे देता है तो क्या ये माना जाए कि पौकलैंड मशीनें अवैध तरीके से इन खनन पट्टो पर खनन कार्य कर रही है और अगर ऐसा है तो खनन के पट्टो में इतनी भारी भरकम मशीनों के अवैध तरीके से लगे होने के बाद भी प्रशासन क्यो चुप्पी साधे बैठा है शासन प्रशासन आखिर किस तरह से कोविड 19 को लेकर सरकार की गाइडलाइन के अंतर्गत रखी शर्तों का अनुपालन करा रहा है यह देखने वाली बात है। औद्योगिक इकाइयों में कोविड की शर्तो के अनुपालन के संबंध में जब पूर्व में उप जिलाधिकारी से मीडिया से पूछा गया था कि इसकी मॉनिटरिंग कौन करेगा तो उनके द्वारा बताया गया था कि उनके लिए अलग से एक कमेटी गठित की जाएगी जो प्रतिदिन देखेगी की शर्तों का अनुपालन हो रहा है। लेकिन कमेटी बनी ही नहीं तो कौन देखेगा की शर्तों का अनुपालन हो रहा है या नहीं । इस संबंध में पूछे जाने पर उप जिलाधिकारी किशन सिंह नेगी का कहना है कि उनके द्वारा किसी भी मशीन की अनुमति खनन कार्य के लिए नही दी गई है ।

वहीं जिला खानअधिकारी दिनेश कुमार यही प्रश्न पूछा गया तो उनका कहना था कि अनुमति देने का कार्य प्रशासन का है और यदि खनन कार्य में मशीनों का प्रयोग हो रहा है तो स्थानीय प्रशासन को इसका संज्ञान लेना चाहिए। अब प्रश्न यह है कि यदि दोनों ही अधिकारियों ने मशीनों की अनुमति नहीं दी है तो यह मशीनें आखिर किसकी अनुमति से चल रही है

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