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दक्षिण भारत की संस्कृति से रूबरू हो रहे हैं उत्तर भारत के लोग

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जोशीमठ नृसिंह मंदिर में आंध्र प्रदेश से आये श्रद्धालुओं की ओर से आयोजित पांच दिवसीय लक्ष्मी नृसिंह महायज्ञ के आयोजन से जहां नगर वैदिक मंत्रों से गुंजायमान हो गया है। वहीं दूसरी ओर यहां आंध्र प्रदेश की सांस्कृति और खान पान से भी रुबरु हो रहे हैं।
आयोजन समिति की ओर से जहां एक ओर पांच दिवसीय यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। वहीं सायं काल यहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों व भंडारे का भी आयोजन किया जा रहा है।
मंगलवार को जहां 32 वेदपाठी ब्राह्माणों द्वारा 25 यज्ञकुंडों में विश्व कल्याण के लिये वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आहूतियां दी गई। इससे पूर्व यहां ब्राह्मण आचार्यों द्वारा अग्नि मंथन से यज्ञ कुंडों में अग्नि प्रज्जवलित की गई। वहीं सोमवार को सांयकालीन पूजा के बाद यहां आयोजकों क ओर से सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। इस दौरान आंध्र प्रदेश कलाकारों द्वारा कुचिपुडी, कतथक जैसे शास्त्रीय नृत्यों की प्रस्तुतियां दी गई। वहीं रात्रि के समय आयोजित भंडारे में सांभर, सरस, शिरा जैसे दक्षिण भारतीय व्यंजनों का श्रद्धालुओं को परोसे जा रहे हैं। इस मौके पर मुख्य यजमान दुग्गीराला, विजय दुग्गीराला, आचार्य महामंडलेश्वर अभिषेक चेतन गिरी महाराज, सचिन सैनी, अजय रतूडी आदि मौजूद थे।

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