Home उत्तराखण्ड चमोली ड़ीएम की पहल लाई रंग

चमोली ड़ीएम की पहल लाई रंग

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जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया की खास पहल पर नौनिहालों को गुणवत्तापरक पूर्वशाला शिक्षा देने के लिए आंगनबाडी केन्द्रों को माॅडल के रूप में तैयार करने की कवायत शुरू हो गई है। इसके तहत सोमवार को जिलाधिकारी ने गोपेश्वर गांव की आंगनबाडी में रिबन काटकर प्रोजेक्ट बचपन  (BACHPAN – Better Anganwadi for Childhood Progress and Nourishment) का शुभांरभ किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने आंगनबाडी में पढने वाले बच्चों को ट्रैकसूट व हाईजिन किट भी वितरित किये। प्रोजेक्ट बचन के पहले चरण के तहत जिले में 10 आंगनबाडी केन्द्रों को माॅडल रूप में विकसित करने हेतु चयनित किया गया है, जिनमें नौनिहालों के सर्वागीण विकास के लिए सभी सुविधाएं दी जा रही है, ताकि आंनगबाडी से निकलने के बाद बच्चों के शारीरिक विकास के साथ-साथ बौद्विक स्तर में भी प्रभावी सुधार हो सके।

जिलाधिकारी ने कहा कि आंगनबाडी केन्द्रों में प्रारम्भिक शिशु शिक्षा के स्तर में सुधार लाने तथा बेहतर और सुनियोजित तरीके से शिशुओं को शिक्षा प्रदान के लिए प्रोजक्ट बचपन के तहत सभी सुविधाएं मुहैया की जा रही है। कहा कि बेहतर शिक्षा हेतु डायट के माध्यम से सभी 1078 आंगनबाडी केन्द्रों के लिए यूनिक माॅडूयल तैयार कर कार्यकत्रियों को इसका प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि नौनिहालों को न्यूट्रेशन युक्त भोजन की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है, जिसकों देखते हुए सभी आंगनबाडी केन्द्रों में बच्चों को  पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने हेतु मेनू भी तैयार किया गया है। कहा कि आंगनबाडी केन्द्र में ही भोजन बनाने की सुविधा उपलब्ध हो इसके लिए माॅडल आंगनबाडियों को गैस कनेक्शन भी दिये जायेंगे। उन्होंने कहा अगले महीन 10 और आंगनबाडी केन्द्रों को माॅडल रूप में विकसित करने के लिए चयनित किया जायेगा।

जिलाधिकारी ने कहा कि बच्चों के बौद्विक विकास के लिए हर दिन महत्वपूर्ण होता है। कहा कि बच्चों के बचपन को साथ रखते हुए उनका भविष्य सुधारने के लिए निरन्तर कार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी आंगनबाडी केन्द्रों में प्रत्येक माह में एक दिन प्रतिभा दिवस मनाने तथा अभिभावक व आंगनबाडी कार्यकत्रियों की बैठक कराने को कहा, ताकि बैठक में विचार विमर्श कर बच्चों की कमियों को दूर किया जा सके।

प्रोजेक्ट बचपन के पहले चरण के तहत दशोली ब्लाक में आंगनबाडी केन्द्र गोपेश्वर गांव व नन्दप्रयाग, पोखरी में जौरासी, नारायणबगड में नलगांव, देवाल में पूर्णा, थराली में कुराड़, गैरसैंण में सारेग्वाढ, कर्णप्रयाग में जाख, घाट में बादुक, जोशीमठ में पाखी को माॅडल आंगनबाडी के रूप में विकसित किया जा रहा है। इन सभी आंगनबाडी केन्द्रों में प्रोजेक्टर, लैपटाॅप, आॅडियो किट, लर्निंग मटीरियल, पंचतत्र व महान व्यक्तियों की कहानियां, हाइजिन किट, फस्टएड किट, फिसल पट्टी, दर्री, टेवल, चीयर, गुढढा-गुढढी बोर्ड, खेलकूद तथा लम्बाई और वजन मापने के लिए आवश्यक सामग्री दी जा रही है। साथ ही बेटी बचाओ बेटी पढाओं का संदेश जन-जन तक पहुॅचाने के लिए आंगनबाडी के बच्चों को ट्रैकसूट भी दिये जा रहा है। इसके अलावा जिलाधिकारी की पहल पर आंगनबाडी केन्द्रों के सौन्दर्यीकरण के तहत आकर्षक व संदेशपरक वाॅल पेंन्टिग भी करायी जा रही है।

इस अवसर पर सीएमओ डा0 तृप्ति बहुगुणा, परियोजना प्रबन्धक डीआरडीए प्रकाश रावत, डीपीओ हरीश आर्या, डायट के प्रवक्ता भगत सिंह कनवाल, सीडीपीओ सोएब हुसैन, आंगनबाडी सुपरवाईजर राधिका, कार्यकत्री माधुरी किमोठी सहित बच्चें व उनके अभिभावक मौजूद थे।
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3 COMMENTS

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