रुद्रपुर। अपनी बहु पर बदचलनी का आरोप लगाकर ससुरालियों द्वारा बाल काटने एवं निर्ममतापूर्ण ढंग से हमला करने एवं सार्वजनिक तौर पर घुमाने के मामले में बुधवार को महिलाएं उग्र हो गई। उन्होंने एसएसपी दफ्तर पर जोरदार प्रदर्शन करके धरना दिया। महिलाओं के बुलावे पर पहुंची पूर्व पालिकाध्यक्ष मीना शर्मा ने कहा कि जिस तरह एक महिला को बेआबरू किया गया वह बेहद शर्मनाक है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। महिलाओं ने एसपी सिटी देवेंद्र पिंचा का घेराव करके कार्रवाई की मांग की। इस दौरान विधायक राजकुमार ठुकराल भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने ठोस कार्रवाई का आश्वासन दिलाया। बुधवार की सुबह जगतपुरा की सैकड़ों की संख्या में महिलाएं एकत्र होकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के दफ्तर पर एकत्र होकर पहुंच गईं। महिलाओं के बुलावे पर पूर्व पालिकाध्यक्ष मीना शर्मा भी एसएसपी दफ्तर पर पहुंच गई। महिलाओं ने एसएसपी दफ्तर पर जमकर नारेबाजी की और विनीता के साथ क्रूरतापूर्ण ढंग से व्यवहार करने वालों की गिरफ्तारी की मांग की। उनका कहना था कि विनीता को जिस तरह बाल काट कर मोहल्ले भर में घुमाया गया और उस पर जिस तरह हमला किया गया वह नारी अस्मिता पर सवाल है। आरोप तो यहां तक लगाया गया कि महिला के गुप्तांगों तक पर प्रहार किया गया। एसएसपी गेट घेर कर नारेबाजी कर रही महिलाओं ने एसपी सिटी देवेंद्र पिंचा के आने पर उनकी कार को निकलने दिया। जिस पर श्री पिंचा अपनी कार से उतर कर महिलाओं के पास गए। उन्होंने कहा कि महिला सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती है। उन्होंने खुद वहां जाकर महिला से बात की। बताया कि घटना की एफआईआर दर्ज कर ली गई है तथा दो आरोपियों की गिरफ्तारी भी कर ली गई है। एसपी सिटी ने साफ किया कि यदि इस घटना में पड़ोसियों की कोई भूमिका पाई जाती है तो वह भी नहीं बचेंगे। महिलाएं पीड़ित के उचित उपचार की मांग कर रही थीं, जिस पर एसपी सिटी ने कहा कि वह डाक्टरों के संपर्क में हैं तथा पीड़ित के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। आर्थिक सहायता के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि वह समाज कल्याण विभाग से बात करें। इस बीच विधायक राजकुमार ठुकराल मौके पर पहुंच गए। उन्होंने प्रदर्शन कर रही महिलाओं को समझाया तथा पीड़िता की बेटी के बयान दर्ज करने का एसपी सिटी से अनुरोध किया। विधायक के साथ पीड़िता की बेटी एसपी सिटी के दफ्तर में पहुंची तो महिलाएं फिर नारेबाजी करते हुए एसएसपी के पोर्च तक पहुंच गई, जिस पर महिला पुलिस कर्मियों की मदद से उन्हें गेट से बाहर किया गया तो वह फिर धरने पर बैठ गई। वह न्याय की मांग कर रही थीं। प्रदर्शन करने वालों में पूर्णिमा, फुलझड़ी, कंचन, माया देवी, कल्पना, ज्योतसिना, नीतू मंडल, हरिदासी, नमिता, अरुणा मंडल, प्रतिमा, सुप्रिया, ऊषा, माया राय, गीता, पूनम, भानु, लक्ष्मी, अनीमा, बसंती, रंजिता, कनिका, बीना, सफोला राय, ममता, अर्चना, चपला राय, वृंदा, मलीना, नीलिमा, प्रिया, निशा, ऊषा मंडल, सीता, गीता, आरुसाना, विशाखा, रेनू, सुनीता सरकार, ललिता, सुनीता, पार्वती, सुमित्रा, संध्या आदि मौजूद थे।
एसपी सिटी देवेंद्र पिंचा ने बंगाली भाषा में बंगाली महिलाओं से बात करके उन्हें समझाया तो देखने वाले दंग रह गए। दरअसल, एसएसपी दफ्तर पर बंगाली समाज की महिलाएं प्रदर्शन कर रही थीं। एसपी सिटी पहले हिंदी में बात कर रहे थे, लेकिन जब महिलाएं उनकी बात नहीं समझी तो उन्होंने बंगाली भाषा में बातचीत की।
एसएसपी डा. सदानंद शंकर राव दाते जब दफ्तर पहुंचे तो गेट पर महिलाओं की भीड़ देखकर उन्होंने कार रोक ली। बोले कि जब पुलिस कार्रवाई कर रही है तो अनावश्यक भीड़ क्यों एकत्र की जा रही है। उन्होंने कहा कि इसकी वीडियोग्राफी कराई जाए और अनावश्यक गेट का रास्ता रोकने वालों पर एफआईआर दर्ज कराई जाए। एसएसपी के तेवर ठुकराल को नागवार लगे। हालांकि भीड़ में शामिल विधायक राजकुमार ठुकराल से एसएसपी ने दफ्तर में चलने का आग्रह किया, लेकिन ठुकराल नाराज हो गए। बोले कि वह नहीं आएंगे और कभी नहीं आएंगे। यह कह कर ठुकराल मौके से चले गए।

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