जोशीमठ के परसारी गांव में नंदा को आज कैलाश विदा कर दिया गया नंदा मा के दर्शनों के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग गांव में पहुंचे और मा नंदा के दर्शन किए

पर सारी गांव में भोटिया जनजाति के लोग नंदा अष्टमी को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं इस दौरान महिलाएं दाकुड़ी चोफला ,चांचड़ी ,जागर और गीत गाती है और मां नंदा को प्रसन्न करके ससुराल भेजती है ससुराल भेजते समय स्थानीय महिलाओं की आंखें भी नम हो जाती हैं
मान्यता है कि उच्च हिमालई क्षेत्रों में पाए जाने वाले ब्रह्म कमल में मां भंवरे के रूप में अपने मायके आती है 3 दिन तक मायके में रहने के बाद गांव की खुशहाली और अपने भक्तों को दर्शन देकर मा कैलाश के लिए विदा होती है
नंदा को विदा करने से पहले गांव के लोग तरह-तरह के व्यंजन पकाते हैं और स्थानीय फल फूलों का भी भोग लगाते हैं जिसमें ककड़ी, मकई, सेब, आडू , फलार का चढ़ावा चढ़ाया जाता है दूर-दूर से भक्त मा नंदा के दर्शनों के लिए गांव में पहुंचते हैं ।

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