रुद्रपुर। दो दशक से अधिक समय से एकाकी जीवन बिता रही एक वृद्धा का कंकाल आज उसी के घर से बरामद हुआ। वृद्धा के मौत की खबर पड़ोसियों की तब लगी जब दम घोंटू बदबू ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटना की जानकारी परिजनों को दे दी है। मामले में मौत की वजह अभी तक संदिग्ध हैं। हालांकि इतना तो साफ है कि वृद्धा की मौत स्वाभाविक नहीं है। क्योंकि वृद्धा के जिस्म पर बची खाल पूरी तरह काली पड़ चुकी है। जो किसी जहर या फिर करंट लगने से हुई मौत की ओर इशारा कर रहे हैं। फिलहाल पुलिस ने कंकाल को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। जिसके बाद मौत की गुत्थी में लगी गांठें खुलेंगी।
ट्रांजिट कैंप थाने के ठीक पीछे रहने वाले स्व.बीएस रावत यहां अपनी पत्नी (72), बेटे पवन, बेटी रचना और लकी के साथ रहते थे। कई साल पहले बीएस रावत का पत्नी से तलाक हो गया और वह हल्द्वानी के तिकोनिया स्थित अपने आवास में रहने लगे। जबकि बेटियों को उनके नाना अपने साथ ले गए। बताया जाता है कि बीएस रावत का बेटा पवन आर्मी में मेजर है और वह जम्मू कश्मीर में मेजर के पद पर तैनात हैं। तलाक के कुछ साल बाद बीएस रावत की मौत हो गई और पिछले 22 साल से वृद्धा यहां अकेले ही रह रही थी। पड़ोसियों की मानें तो पिछले कुछ दिनों से वृद्धा दिखाई नहीं दे रही थी। उन्हें लोग कभी कभी तब ही देख पाते थे जब वह बाजार से खरीदारी करने निकलती थी। बताते हैं कि कल शाम से पड़ोसियों को दम घोंटू बदबू आ रही थी। जब बदबू बर्दाश्त नहीं हुई तो दीपक ने घर के पीछे से गुजरी नाली साफ कर डाली, लेकिन बदबू नहीं गई। इस पर उसे शक हुआ तो वह वृद्धा के घर के पास पहुंचा। जहां से तेज बदबू आ रही थी। चूंकि वृद्धा किसी से बातचीत नहीं करती थी तो अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा सका। उसने आंटी कह कर आवाज लगाई, लेकिन कई आवाजों के बाद भी जब अंदर से कोई जवाब नहीं आया तो उसे शक हुआ। उसने यह बात अन्य पड़ोसियों और पुलिस को दी। सूचना पर जब पुलिस पहुंची तो घर से लगभग सभी दरवाजे खुले हुए थे। बदबू की ओर बढ़ी पुलिस जब रसोईघर में पहुंची तो लोगों के होश फाख्ता हो गए। बेहड़ सड़ी गली अवस्था में वृद्धा का कंकाल आधा कुर्सी और आधा स्टूल पर पड़ा हुआ था। जिस्म के जिस स्थान पर त्वचा बची हुई थी तो वह पूरी तरह काली पड़ चुकी थी। पूरी फर्श और रसोईघर की दीवार लाश से निकले पानी से लबरेज थी और लाश को कीड़े खा रहे थे। पुलिस ने आस पास महिला के बारे में तस्दीक करने की कोशिश की, लेकिन कोई महिला का नाम नहीं बता सका। पुलिस ने हल्द्वानी सेल टैक्स में तैनात वृद्धा के दामाद के संपर्क किया है। परिजनों के पहुंचने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
मौके पर पहुंची पुलिस अभी इस मामले में कुछ कहने को तैयार नहीं है। पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। हालांकि मामले को संदेह की नजर से देख रही पुलिस ने घटना स्थल पर बारीकी से पड़ताल की। इसमें लूट के लिए हत्या का भी एक एंगल पुलिस के सामने था। ऐसे में पुलिस ने घर के कोने कोने और हर कमरे को बारीकी से चेक किया, लेकिन पुलिस को ऐसा कोई भी सुबूत नहीं मिला, जिससे यह साबित हो सके कि घर के अंदर लूटपाट या फिर चोरी की कोशिश की गई हो। पुलिस को मौके से ऐसा भी कोई सुबूत हाथ नहीं लगा जिससे यह कहा जा सके कि वृद्धा के साथ कत्ल के इरादे से जबदस्ती की गई हो। फिर भी पुलिस इस मामले को अभी संदिग्ध मान कर ही चल रही है। कम से कम तब तक जब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आ जाती।
पड़ोसियों की मानें तो रावत परिवार ट्रंाजिट कैंप इलाके का सबसे पुरानी परिवार है। बीएस रावत यहां अपनी पत्नी के साथ वर्ष 1962 से रह रहे थे। उन्हें यहां सरकारी आवास मिला था और वह बतौर कैंप कमांडर यहां पर रहा करते थे। उस उक्त ट्रांजिट कैंप में कुछ गिने चुने परिवार ही रहते थे। नए परिवार को कैंप में अपना आवास बनाने के लिए बीएस रावत से इजाजत लेनी पड़ती थी। समय गुजरने के साथ बीएस रावत और उनकी पत्नी के बीच संबंध खराब हो गए। जिसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी से तलाक ले लिया। बीएस रावत से पैदा हुई बेटियों की परवरिश उनके नाना ने की। जिसमें से एक बेटी रचना के पति बीके पांगती हल्द्वानी में सेल टैक्स में एक बड़े पद पर तैनात हैं। जबकि छोटी बेटी लकी की शादी भी एक अच्छे परिवार में हुई है। बताते हैं बेटी को उनके पिता ने पाला।

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