जब तक सूरज चाद रहेगा वीरो का नाम रहेगा-

जम्मू कश्मीर के अखनूर तहसील के पालांवाला सेक्टर में चमोली जिले के शहीद सैनिक सुरजीत सिंह राणा का अंतिम संस्कार सोमवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनके पैतृक घाट स्यूंण में किया गया। शहीद के बडे भाई महावीर सिंह राणा ने शहीद की चिता को मुखाग्नि दी। सोमवार को शहीद का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव स्यूंण पहुॅचने पर पूरा क्षेत्र शोक की लहर में डूब गया।
बिग्रेडियर अनिल कुमार पुण्डीर, कर्नल हिमांशु मिश्रा, जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया, सीओ पुलिस दीपक रावत, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी (ले0 कनर्ल) बीएस रावत, एसडीएम परमानंद राम, डिप्टी क्लेक्टर बुसरा असंरी ने उनके पैतृक घाट पहुॅचकर शहीद सैनिक के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रृद्वांजलि दी। साथ ही सैकड़ों लोगों ने भी शहीद सैनिक की अंतिम विदाई में शामिल होकर नम आंखों से उन्हें श्रृद्वांजलि दी। जिलाधिकारी ने शहीद सैनिक के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि सुरजीत के इस बलिदान को कभी भुलाया नही जा सकता। उन्होंने देश की सेवा करने में अपने प्राणों की जो आहूति दी है, उसको हमेशा याद किया जायेगा।

चमोली जनपद के स्यूंण गांव निवासी सुरजीत सिंह राणा पुत्र स्व0 प्रेम सिंह राणा 10वीं गढवाल राइफल में तैनात थे। 30 वर्षीय शहीद सैनिक सुरजीत सिंह वर्ष 2008 में गढवाल राइफल में भर्ती हुए थे। एक दिसंबर को जम्बू कश्मीर के अखनूर तहसील के पालावांला सेक्टर में अभ्यास सत्र के दौरान माइन ब्लास्ट की चपेट में आने से वे शहीद हो गये थे

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