एयरफोर्स के तीन विशेष विमान 25 टन भारी मशीन लेकर के चुके हैं जो मलबे को भेद कर स्टील पाइप दूसरी तरफ पहुंचने में मददगार साबित होगी।

इस मशीन के जरिए प्रति घंटे 5 मीटर मलबा निकला जा सकेगा।

आज शाम से इस मशीन के जरिए काम शुरू करने की कोशिश की जाएगी।

अब नॉर्वे और थाईलैंड की विशेष टीमों की मदद ली जा रही है।

रेस्क्यू टीम ने थाईलैंड की उसे रेस्क्यू कंपनी से संपर्क किया है जिसने थाईलैंड की गुफा में फंसे बच्चों को बाहर निकाला था

नॉर्वे की एन जी आई एजेंसी से भी संपर्क किया गया है जिससे सुरंग के भीतर ऑपरेशन में विशेष सुझाव लिए जा सके

भारतीय रेल, आर वी एन एल, राइट्स एवं इरकॉन के विशेषज्ञों से भी सुरंग के भीतर ऑपरेशन से संबंधित सुझाव लिए जा रहे हैं

उत्तरकाशी के पास सिलक्यारा टनल में भूस्खलन के चलते कैद हुए 40 श्रमिकों को अब तक 80 घंटे से अधिक समय हो चुका है। उन्हें निकालने के लिए राहत व बचाव का काम तेजी से चल रहा है। सिल्क्यारा टनल में राहत एवं बचाव के लिए ऑगर मशीन कल देर रात खराब हो गई थी। जिससे बचाव कार्य रुक गया है। अब हैवी ऑगर

ड्रिलिंग मशीन को दो पार्ट में दिल्ली से सेना के हरकुलिस जहाज से चिन्यालीसौड़ हेलीपैड पहुंचाई हैं। जिसमे एक पार्ट पहुँच गया है। मशीन को सुरंग पहुचाने की कार्यवाही गतिमान है। सुंरग के पास मशीन को जोड़ा जाएगा। शीघ्र ही ड्रिलिंग का कार्य शुरू हो जाएगा। सभी श्रमिकों को सुरक्षित रेस्क्यू करने की क़वायद तेजी से चल रही है।