विश्व आयुर्वेद कांग्रेस की शुरुआत के साथ ही ध्यान फाउंडेशन की साधिकाओं ने हवन किया

देहरादून, 12 दिसंबर: भारत में प्राचीन काल से ही सभी प्रमुख आयोजन, सबसे शुद्ध तत्व – अग्नि में समाहित सकारात्मक ऊर्जा के आह्वान से शुरू होते हैं, इस बात को ध्यान में रखते हुए ध्यान फाउंडेशन की साधिकाएं (महिला स्वयंसेवक) आज परेड ग्राउंड में 10वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस (डब्ल्यूएसी 2024) के प्रारंभ होने पर हवन करने के लिए दिल्ली से यहां आईं।

ध्यान फाउंडेशन, जिसका मुख्यालय दिल्ली में है, की साधिका रीमा आनंद ने कहा कि इस अनुष्ठान का उद्देश्य आस-पास के वातावरण और इस अत्यंत महत्वपूर्ण सम्मेलन से जुड़े लोगों की विचार प्रक्रियाओं को शुद्ध करना है, ताकि इसके विचार-विमर्श से पूरी दुनिया लाभान्वित हो सके।

उन्होंने कहा, “आयुर्वेद हमारे वैदिक विज्ञान का हिस्सा है, जो पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में देखता है और इस बात पर जोर देता है कि सभी वैज्ञानिक गतिविधियों का लाभ सभी को मिलना चाहिए। केवल भारत ही आयुर्वेद को उसके शुद्धतम और मिलावट-रहित रूप में दुनिया को सिखा सकता है। ध्यान फाउंडेशन अपने मार्गदर्शक अश्विनी गुरुजी की प्रेरणा से वैदिक विज्ञान का ज्ञान प्रदान करने के लिए समर्पित है।”

उन्होंने कहा, “हमारा मानना है कि इस पहल के माध्यम से विश्व आयुर्वेद फाउंडेशन दुनिया भर के सभी हितधारकों को एक साथ लाकर आयुर्वेद की वैश्विक वापसी को बढ़ावा देने की महान सेवा कर रहा है।”

डब्ल्यूएसी 2024 के मुख्य विषय, “डिजिटल स्वास्थ्य – एक आयुर्वेद परिप्रेक्ष्य” के बारे में, रीमा आनंद, जो स्वयं कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की विशेषज्ञ हैं, ने कहा कि नई प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाना अच्छा है, क्योंकि इससे स्वस्थ विश्व के निर्माण के लिए आयुर्वेद को उसके प्रामाणिक रूप में विश्व स्तर तक पहुंचाने में मदद मिलती है।

उन्होंने कहा कि यद्यपि आज की दुनिया में प्रौद्योगिकी उपकरणों और प्लेटफार्म का लाभ उठाना महत्वपूर्ण है, लेकिन इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि जिन ऋषियों ने आयुर्वेद को एक समग्र कल्याण प्रणाली के रूप में विकसित किया, वे स्वास्थ्य विज्ञान के सबसे सूक्ष्म और जटिल विवरणों को जानते थे और उन्होंने इन विवरणों को प्राचीन-काल के ग्रंथों में शामिल किया, जो पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हैं।

आयुर्वेद चिकित्सकों, शोधकर्ताओं, प्रशासकों, राजनयिकों, शिक्षकों और छात्रों का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन एक द्विवार्षिक कार्यक्रम है, जिसे विज्ञान भारती की एक पहल, विश्व आयुर्वेद फाउंडेशन (डब्ल्यूएएफ) द्वारा आयोजित किया जाता है।

सम्मेलन में 5500 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया जिनमें 54 देशों के 350 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हैं। सम्मेलन में पूर्ण सत्रों के अतिरिक्त 150 वैज्ञानिक सत्र और 13 एसोसिएट सत्र शामिल हैं।

अपने मुख्य विषय ‘डिजिटल स्वास्थ्य, एक आयुर्वेद परिप्रेक्ष्य’ के अनुरूप, चार दिवसीय कार्यक्रम, आयुर्वेद से संबंधित अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को पुनर्गठित करने और अधिक प्रभावी ढंग से समाधान प्रदान करने के लिए नई तकनीकों का लाभ उठाने पर गहन विचार-विमर्श के लिए मंच उपलब्ध कराएगा।

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