उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. जगमोहन सिंह राणा का कार्यकाल गुरुवार 26 अक्तूबर को समाप्त हो गया, लेकिन वो शुक्रवार को भी आयोग दफ्तर में बैठे रहे। कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं।उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. जगमोहन सिंह राणा का कार्यकाल 26 अक्तूबर को समाप्त हो गया, लेकिन वो शुक्रवार को भी आयोग दफ्तर में बैठे रहे।
इसे लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। जून में लोक सेवा आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार के इस्तीफा के क्रम में, वरिष्ठतम सदस्य डॉ. जगमोहन सिंह राणा कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किए गए थे।लेकिन राणा का छह साल का कार्यकाल भी गुरुवार 26 अक्तूबर को पूरा हो चुका है। अभी तक कार्मिक विभाग ने यहां किसी को चार्ज भी नहीं सौंपा है, इस कारण तकनीकी तौर पर आयोग अध्यक्ष का पद अभी खाली चल रहा है। लेकिन राणा शक्रवार को पूर्व की तरह शुक्रवार को फिर आयोग मुख्यालय पहुंच, अपने दफ्तर में बैठे नजर आए। इस कारण विपक्ष ने तत्काल ही इसे मुद्दा बना दियाये किसने कहा कि मेरा कार्यकाल समाप्त हो गया है। मेरे कार्यकाल के बारे में शासन से पूछिए, मुझे शासन से कोई सूचना नहीं मिली है। शासन जैसा कहेगा, वही होगा। डॉ. जगमोहन सिंह राणा, (पत्रकारों से बातचीत के दौरान)’
कांग्रेस ने उठाए सवाल
कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद, आयोग के अध्यक्ष द्वारा कार्यालय आने को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा कि आयोग पूर्व में पेपर लीक के कारण विवादों में आ चुका है, ऐसे में कार्याकाल समाप्त होने के बावजूद राणा का दफ्तर में काम काज निपटाने से सरकार और आयोग की मंशा प खड़े होते हैं।
सिस्टम कैसे सुधरेगा जब सिस्टम के लोग ही सिस्टम को बिगाड़ने में लगे हैं। रिटायरमेंट के बाद भी लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष द्वारा आयोग की महत्वपूर्ण फाइलों का निपटारा करना दुर्भाग्यपूर्ण कहीं ना कहीं गड़बड़ियों की ओर इशारा करता है यह कृत्य।
बॉबी पंवार बेरोजगार अध्यक्ष संघ