अनदेखी : बदरीनाथ हाईवे के इस विकल्प पर चलना हुआ मुश्किल, यातायात डायवर्ट तो किया लेकिन सड़क सुधारीकरण नहीं हुआ
नंदप्रयाग-सैकोट-कोठियालसैंण-चमोली (10 किमी) ग्रामीण सड़क है। यहां ग्रामीण क्षेत्रों को जाने वाले छोटे वाहनों की आवाजाही होती है।
बदरीनाथ हाईवे पर नंदप्रयाग भूस्खलन क्षेत्र से मलबा हटाने के कारण प्रशासन की ओर से नंदप्रयाग-सैकोट-कोठियालसैंण मार्ग पर यातायात डायवर्ट तो कर दिया गया लेकिन सड़क सुधारीकरण पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। ऐसे में यहां वाहनों की आवाजाही में दिक्कतें आ रही हैं। इस सड़क पर झाड़ी तक का कटान नहीं किया गया है।
कहीं भूस्खलन से सड़क क्षतिग्रस्त पड़ी है तो कहीं भू-धंसाव से वाहनों का जाम लग रहा है। नंदप्रयाग-सैकोट-कोठियालसैंण-चमोली (10 किमी) ग्रामीण सड़क है। यहां ग्रामीण क्षेत्रों को जाने वाले छोटे वाहनों की आवाजाही होती है। जब बदरीनाथ हाईवे नंदप्रयाग में बरसात में बंद हो जाता है तो यातायात को इस सड़क पर डायवर्ट कर दिया जाता है।
बड़े वाहनों का दबाव नहीं झेल सकता
इस वर्ष भी अगस्त माह में कुछ दिनों के लिए इसी मार्ग से बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं के वाहनों की आवाजाही करवाई गई थी। तब यहां दिनभर जाम की स्थिति बनी रही। अब तीन माह गुजर गए फिर भी इस मार्ग पर कहीं भी सुधारीकरण कार्य नहीं किया गया। अब यहां फिर से यहां वाहनों की आवाजाही शुरू तो करवा दी गई लेकिन सड़क नहीं सुधारी।
सैकोट गांव निवासी चंडी प्रसाद थपलियाल का कहना है कि यह मार्ग बड़े वाहनों का दबाव नहीं झेल सकता है। नंदप्रयाग से सैकोट गांव तक सड़क संकरी और भू-धंसाव वाली है। यातायात डायवर्ट करने से पहले सड़क का सुधारीकरण करना चाहिए था।
इधर, उपजिलाधिकारी राजकुमार पांडेय का कहना है कि सड़क पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं। जिन जगहों पर झाड़ियां हैं उसका कटान किया जाएगा। यातायात को नियंत्रित करने के लिए यहां ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था भी की गई है।