मोटर मार्ग पर काम पूरे किए बिना ही कर रहे थे ट्रायल, ग्रामीणों ने ठेकेदार और बस को बनाया बंधक
कार्यदायी संस्था पीएमजीएसवाई बिडकुल गैरसैंण की ओर से 12.50 किलोमीटर कण्डवाल-कफोली-बमियाला मोटर मार्ग का निर्माण किया जा रहा है। इस मार्ग के बनने से गण्डीक तल्ला-मल्ला, कफोली और बमियाला गांव के लोग लाभान्वित होंगे।
चमोली में नारायणबगड़ तहसील के निर्माणाधीन कण्डवाल-कफोली-बमियाला मोटर मार्ग पर बस का ट्रायल लेने आए ठेकेदार को ग्रामीणों ने बस समेत बंधक बना लिया। ग्रामीणों का कहना था कि अभी मोटर मार्ग का काम पूरा नहीं हुआ है और डामरीकरण भी नहीं किया गया है। ऐसे में मोटर मार्ग पर बस ट्रायल किया जाना सही नही है।
बता दें कि कार्यदायी संस्था पीएमजीएसवाई बिडकुल गैरसैंण की ओर से 12.50 किलोमीटर कण्डवाल-कफोली-बमियाला मोटर मार्ग का निर्माण किया जा रहा है। इस मार्ग के बनने से गण्डीक तल्ला-मल्ला, कफोली और बमियाला गांव के लोग लाभान्वित होंगे। ग्रामीण प्रशासन से इस मोटर मार्ग के निर्माण में बरती जा रही लापरवाही व अनियमितताओं को लेकर कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन उसकी शिकायतों को कभी भी गंभीरता से नहीं लिया गया। कार्यदायी संस्था का ठेकेदार मोटर मार्ग पर बस पर बकायदा बैनर लगाकर बस ट्रायल के लिए पहुंचा तो गण्डीक के ग्रामीणों ने बस को बंधक बना लिया। आक्रोशित ग्रामीणों का कहना था कि जब मोटर मार्ग का काम पूरा नहीं हुआ है तो इस पर बस का ट्रायल किए जाने का क्या औचित्य है। इसके बाद ग्रामीण वहीं धरने पर बैठ गए और बुधवार पूरी रात बस की पहरेदारी करते रहे।
आज सुबह कफोली और बमियाला के ग्रामीण भी बड़ी संख्या में धरना स्थल पर पहुंचे। इस बीच पीएमजीएसवाई के एई नरेश कुमार और जेई संदीप शर्मा भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि मोटर मार्ग के स्टेज -1 का कार्य पूर्ण होने पर मार्ग पर बस ट्रायल किया जा रहा है। ग्रामीणों ने तर्क दिया कि जब स्टेज-1 कार्य अभी अधूरा पड़ा हुआ है तो फिर बस ट्रायल के लिए इतनी जल्दबाजी क्यों की जा रही है। गण्डीक गांव के उम्मेदसिंह रावत ,योगम्बरसिंह, राजेंद्र सिंह ने बताया कि बस को गण्डीक गांव तक ठेकेदार और उसके आदमी धक्के मार कर लाए हैं।
विदित हो कि इस सड़क मार्ग के निर्माण में बरती जा रही लापरवाही की शिकायत पर बीते वर्ष 16 मई को जिलाधिकारी ने एसडीएम थराली को जांच सौंपी थी और 23 जुलाई को तहसीलदार के नेतृत्व में गठित जांच समिति ने जब इस निर्माणाधीन सड़क की जांच की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए थे। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।
जिससे ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ती गई। बीते बुधवार को बस ट्रायल के दौरान उनका गुस्सा फूट पड़ा। दोपहर बाद तहसीलदार दिगम्बर सिंह नेगी, राजस्व उपनिरीक्षक जगदीश ओलिया और एसआई भूपेंद्र सिंह के साथ मौके पर पहुंचे और धरना दे रहे ग्रामीणों से वार्ता की। ग्रामीणों को लिखित आश्वासन दिया गया कि मोटर मार्ग का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद ही बस ट्रायल किया जाएगा। इसके बाद ग्रामीणों ने पिछले 24 घंटे से बंधक बनाकर रखी गई बस को छोड़ दिया।