भादो मास में जोनसार बावर क्षेत्र के आराध्य देव महासू देवता का जांगड़ा पर्व मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इसी क्रम में जौनसार  में जांगड़ा पर्व की आज शुरुआत महासु मंदिरो से शुरू हो चुकी है।

जागड़ा पर्व के मौके पर चकराता के विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं ने रात लगाई और मन्नत मांगी सभी मंदिरो को खूब सजाया गया है। जौनसार बावर के ईष्ट देव महासू चालदा महाराज का जांगड़ा पर्व हनौल, थेना, दसोंऊ गवेला, भंजरा, छोटूऊ, बिसोई और सलगा आदि मंदिरों में धूमधाम से मनाया जा रहा है। जहां सभी मंदिरों में देव दर्शन को उमड़े श्रद्धालुओं ने अपने आराध्य देव से घर परिवार की और गांव की खुशहाली के लिए मन्नत मांगी। साथ ही इस दौरान ढोल ढमऊ की थाप पर मंदिरों से देव चिह्न और पालकियां भी निकाली गई। तो वहीं देव चिह्नों को स्नान भी कराया गया।

राजकीय मेला पर्व घोषित किए गए जागड़ा पर्व के मौके पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज और क्षेत्रीय विधायक प्रीतम सिंह ने भी हनोल स्थित महासू मंदिर में देव दर्शन कर पूजा अर्चना की। इस दौरान पर्यटक मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि जौनसार बावर के पौराणिक परंपरा वाले जागड़ा पर्व को राजकीय मेला घोषित करते हुए इस दिन सरकारी छुट्टी भी रखी गई है। वहीं उन्होंने कहा कि हनोल मंदिर की पौराणिकता को देखते हुए इस पांचवें धाम के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे विभिन्न मंदिरों को भी जोड़ा जा रहा है। ताकि यहां के मंदिर विकसित हो सकें और पर्यटन को भी बढ़ावा मिले।