बलबीर परमार
अरण्यरोदन टाइम्स

आपकी सेटिंग अच्छी है और सिस्टम के साथ मिल कर करोड़ो का घोटाला करना है तो चले आये उत्तराखण्ड—

सूबे में आजकल एक बड़े घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है। जिसमे हर ग्राम पंचायत में एक आपदा किट भैजी गयी है । जिसमे हर ग्राम पंचायत के 14वे वित्त से 20हजार 200रुपए का चेक काटा जा रहा है। लेकिन किट में सम्मान 6हजार का भी नही है। आंशका जताई जा रही है यह पूरे सूबे स्तर पर चल रहा है। फिलहाल मामला उत्तरकाशी से सामने आया है जनपद उत्तरकाशी में एक दर्जन जागरूक प्रधान इसका विरोध भी कर रहे है लेकिन इसके अलावा सिस्टम के दबाव के आगे सभी प्रधान इस घोटाले की भेंट चढ़ चुके है।
उत्तराखंड  आपदाओं के लिहाज से संवेदनशील जनपद में आपदा प्रबंधन की आड़ में सरकारी खजाने को करोड़ों का चूना लगाने का मामला सामने आया है। उत्तरकाशी में ही सभी 500 ग्राम पंचायतों को आपदा के दौरान खोज एवं बचाव के लिए आपदा किट उपलब्ध कराकर प्रत्येक प्रधान से रुद्रपुर की एक फर्म के नाम 20 हजार 200 रुपये भुगतान कराया गया, जबकि किट में शामिल सामान का बाजार मूल्य बमुश्किल 6 हजार रुपये भी नहीं है।

बीते साल पांच जून को आपदा प्रबंधन सचिव के स्तर से सभी ग्राम पंचायतों को 14वें वित्त में मुहैया कराए गए बजट से आपदा के दौरान खोज एवं बचाव के लिए आवश्यक संसाधन खरीदवाने के आदेश जारी हुए। इसके बाद डीएम से सीडीओ, जिला पंचायती राज अधिकारी एवं खंड विकास अधिकारी से होते हुए आदेश के अनुपालन का जिम्मा ग्राम पंचायत अधिकारियों को सौंपा। इसमें आपदा किट प्रधानों द्वारा खरीदी जानी थी, लेकिन ऊपर से ही चले मौखिक आदेश पर रुद्रपुर की एक फर्म से आपदा किट मंगवा कर प्रधानों को थमा दी गई और प्रत्येक प्रधान को चेक के माध्यम से फर्म के नाम 20 हजार 200 रुपये का भुगतान करने के लिए बाध्य किया गया। एक दर्जन प्रधान इस मामले को अनशन की भी चेतावनी दे रहे है। प्रधानों की माने तो सीधे साधे प्रधानों को सिस्टम द्वारा दबाव बना कर चेक काटे गए है।
प्रधान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष गिरवीर परमार  ने पूरे सूबे में मंत्री और सिस्टम के शेय पर इस बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया है।

प्रधानों ने बताया कि आपदा किट में प्रधानों को दो स्ट्रेचर, दो कंबल, दो टॉर्च, सौ मीटर लंबी एक रस्सी, दो तिरपाल, 5-5 लीटर के दो मिल्टन जग और 1-1 गैंती, बेलचा, सब्बल एवं तसला थमाए गए हैं। खुले बाजार में इसकी कीमत बमुश्किल 6-7 हजार रुपये है, जबकि रुद्रपुर की फर्म के माध्यम से इसे 20 हजार 200 रुपये की दर से सूबे की सभी ग्राम पंचायतों को बेचा गया।

जनपद की 500 ग्राम पंचायतों में आपदा किट मुहैया कराकर फर्म विशेष को एक करोड़ एक लाख रुपये का भुगतान कराया गया है ।बताया जा रहा है कि शासनादेश के तहत उत्तराखंड की सभी 7950 ग्राम पंचायतों में इसी तर्ज पर आपदा किट की खरीद कराई गई है। फिलहाल उत्तरकाशी जिलाधिकारी की माने तो शासनादेश के तहत ग्राम पंचायतों में आपदा किट खरीदवाने के निर्देश दिए गए थे। किसी फर्म विशेष से किट खरीदने और इसके लिए बाजार दर से ज्यादा भुगतान कराने की बात पर इस मामले में जॉच की बात कर रहे है।

सिस्टम के साथ मिलकर कर एक बड़े घोटाले को पिछले कुछ समय से अंजाम देने की कोशिश की जा रही है  हैरत की बात ये है कि इस घोटाले के लिए ऊपर स्तर से सीडीओ बीडीओ स्तर तक का दबाओ बनाया गया है। इस तरह का मामला सामने आने से त्रिवेंद्र की जीरो टॉलरेंस की सरकार पर फिर बडा सवाल खड़ा हो रहा है। देखना होगा सरकार इस मामले में क्या संज्ञान लेती है। य फिर मलाई खा चुप बैठ जाती है।

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