चमोली जनपद में जिस तरीके से इस बार बर्फबारी हुई है उसने चारों तरफ केवल आफतही आफत पैदा की है
भू बैकुंठ श्री बद्रीनाथ धाम को जोड़ने वाला नेशनल हाईवे भारी बर्फबारी के बीच जनवरी माह से बंद पड़ा हुआ है जिसे खोलने के लिए बीआरओ ने कमर कस ली है
बीआरओ ने इस क्षेत्र में बर्फ हटाने के लिए मजदूरों के साथ साथ मशीनों को भी मौके पर तैनात कर दिया है लेकिन कड़ाके की ठंड और माइनस से भी नीचे गिर रहे तापमान में मशीनों से लेकर मजदूरों का बुरा हाल है 50 फीट के बड़े-बड़े ग्लेशियर और ऊपर से लगातार हो रही बर्फबारी बर्फ हटाने में बांधा पैदा कर रही
बाइट रेनु बीआरओ कर्मचारी
बद्रीनाथ धाम को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग हनुमान चट्टी से आगे भारी बर्फबारी के कारण अभी भी बंद पड़ा हुआ है जिससे सड़क पर आवाजाही पूर्ण रूप से ठप पड़ी हुई है हालांकि इन दिनों बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद है लेकिन उसके बाद भी जिस तरीके से बर्फ गिरी है और उसको हटाने के लिए युद्ध स्तर पर बीआरओ ने काम शुरू कर दिया है लेकिन सबसे बड़ी मुश्किल तो तब हो रही है जब सड़क मार्ग पर बर्फ हटाने के लिए प्रयोग में लाई गई मशीनों के ऊपर बड़े-बड़े ग्लेशियर पहाड़ी से गिर रहे हैं नीचे मजदूर काम कर रहे हैं और ऊपर से ग्लेशियर टूट रहे हैं
जिसमें कभी भी कोई भी जन हानि हो सकती है लेकिन बीआरओ के जवानों का जोश कम नहीं हो रहा है मौके पर मौजूद अधिकारियों का कहना है कि जल्द से जल्द बद्रीनाथ धाम तक बर्फ हटाने का काम शुरू कर पूरा कर लिया जाएगा और कपाट खुलने से 1 माह पूर्व ही बद्रीनाथ में सड़क मार्ग आवाजाही के लिए शुरू हो जाएगा
इसके अलावा अगर बात करें तो भारत चीन सीमा को जोड़ने वाला हाईवे भी भारी बर्फबारी के बाद बंद पड़ा हुआ है अभी बीआरओ की पूरी टीम को बद्रीनाथ तक सड़क खोलने के बाद रताकोणा तक बर्फ हटाने का काम शुरू करना है चैलेंज खतरनाक है लेकिन जवानों के हौसले बुलंद हैं और वह बर्फ को हटाने के लिए दिन-रात इन दिनों हाईवे पर काम कर रहे हैं।