जिले में भारत सरकार के सांख्यिकीय और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के माध्यम से सातवीं आर्थिक गणना का कार्य शुरू हो गया है। राज्य स्तर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 16 सितंबर को इसका शुभांरभ किया था। जिले में शुक्रवार को जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने मोबाइल एप के माध्यम से इसका शुभांरभ किया।

जिलाधिकारी ने कहा कि सातवीं आर्थिक गणना में जिले की समस्त आर्थिक क्रियाकलापों के बारे में प्रत्येक परिवारों से सूचनाएं ली जाएंगी, जिससे एक बिजनेस डेटाबेस तैयार हो सकेगा। उन्होंने कहा कि आर्थिक क्रियाकलापों और उनमें कार्यरत व्यक्तियों की सूचनांए प्राप्त होने से भविष्य में नीति निर्धारण व योजनाओं के क्रियान्वयन में मदद मिलेगी। उन्होंने जन सेवा केन्द्र के प्रबन्धकों को आर्थिक गणना के तहत सटीक आंकडे एकत्रित करने के निर्देश दिए, ताकि सही आंकडों के आधार पर ही जन कल्याणकारी योजनाएं बन सके।

इस दौरान बताया गया कि भारत सरकार द्वारा सप्तम आर्थिक गणना-2019 में सर्वेक्षण का कार्य जन सेवा केन्द्रों (सीएससी) के माध्यम से कराया जा रहा है। सीएससी ने आर्थिक गणना कार्य के लिए आॅनलाइन आवेदन पत्र प्राप्त करके परीक्षा के माध्यम से 86 प्रगणकों और सुपरवाइजरों का चयन भी किया जा चुका है तथा प्रगणकों के चयन का कार्य अभी भी जारी है। शीघ्र ही जिले के सभी क्षेत्रों में आर्थिक सर्वेक्षण का कार्य शुरू किया जाएगा।

इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे, सीटीओ बीरेन्द्र कुमार, अर्थ एवं संख्या अधिकारी आनंद सिंह जंगपांगी, पीडी प्रकाश रावत, जीएम डीआईसी डा.एमएस सजवाण आदि जिला स्तरीय अधिकारियों सहित जन सेवा केन्द्र के प्रबन्धक प्रवीन सिंह, संजय नेगी आदि उपस्थित थे।

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