देहरादून।
उत्तराखंड सरकार साल 2024 तक राज्य को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य लेकर कार्य कर रही है। राष्ट्रपति द्वारा 09 सितम्बर, 2022 को निःक्षय मित्र टीबी मुक्त भारत अभियान की शुरुआत की गई। इसके अन्तर्गत 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य सरकार की प्रतिबद्धता से 2024 तक प्रदेश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य लिया गया है। इसके लिए सभी लोगों को सहयोग करने की जरूरत है।
प्रभारी स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने आज जिला क्षय रोग कार्यालय देहरादून पहुंचकर सात साल की टीबी रोगी जोया के निःक्षय मित्र बनते हुए उसे गोद लिया और उन्हें मासिक पोषण किट वितरित की। राज्य के टीबी रोगियों में 80 प्रतिशत द्वारा गोद लिए जाने की सहमति दी है। अब यह हम सबका दायित्व है कि हम उन्हें रोग मुक्त करने के अभियान से जुड़े इसके लिए सामाजिक संगठनों का भी सहयोग लिया जाएगा। पहले टीबी रोग को खतरनाक माना जाता रहा है किंतु आज जांच एवं अनुसंधान प्रक्रिया की उपलब्धता से इस रोग को दूर करने के साधन उपलब्ध हो गए हैं। इस मौके पर प्रभारी स्वास्थ्य सचिव ने कहा कहा स्वस्थ भारत, समृद्ध भारत के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए उत्तराखंड को टीबी मुक्त बनाने के लिए जनभागीदारी से जड़ से समाप्त करने का संकल्प लेना होगा। आम लोगों के साथ.साथ जनप्रतिनिधियों, गैर सरकारी संगठनों, सामाजिक संस्थानों आदि से आह्वान किया कि वे टीबी रोगियों की सहायता करने के लिए निःक्षय मित्र बनें। साथ ही सचिव ने कहा हमारे प्रदेश में लगभग 15 हजार टीबी के मरीज है जिनमे से अभी तक लगभग 8 हजार मरीजों के निः क्षय मित्र बने चुके है , हमें इस चुनौती को स्वीकार करते हुए प्रत्येक टीबी रोगी का मित्र बनकर उसके इलाज, पोषण में सहयोग करना होगा ताकि हमारा प्रदेश टीबी मुक्त हो सके।
विगत माह राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखण्ड में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान शुरुआत कर चुके हैं। इस अभियान के शुरूआत होने के अवसर पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने टीबी रोगियों की सहायता हेतु निःक्षय मित्र बनते हुए 21 टीबी रोगियों को गोद लिया और उन्हें मासिक पोषण किट वितरित की थी।