विधानसभा चकराता के लोहारी गांव ने जहां जल समाधि ले ली है वहीं इस गांव के ग्रामीण खुले मे जीवन जीने को मजबूर हैं।120 मेगावाट से बनी इस व्यासी जल विद्युत परियोजना से यह गांव पानी में डूब गया था । जिला प्रशासन के द्वारा इनके रहने की कोई भी व्यवस्था अभी तक नहीं की गई और ये लोग एक सरकारी स्कूल में रह रहे हैं व खुले में खाना बना रहे हैं। इनका घर का और खाने का सामान खुले में ही पड़ा हुआ है।  अब बरसात का मौसम भी आने वाला है और इन लोगों को चिंता सता रही है कि बरसात में ये कैसे अपना खाना बनाएंगे और कैसे रहेंगे

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