रुड़की: जीरो टॉलरेंस का नारा देने वाली भाजपा सरकार में भाजपा के ही ”रुड़की नगर निगम मेयर पर अक्सर भ्र्ष्टाचार के आरोप लगते रहे है, ताजा मामला ऑडियो प्रकरण से जुड़ा है, जिसकी फोरेंसिक जांच के बाद मेयर की मुश्किलें बढ़ गई है। जांच में ऑडियो की आवाज और मेयर की आवाज का मिलान किया गया जिसमें दोनों आवाजे एक ही पाई गई, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई के लिए रिपोर्ट शासन को भेज दी है। वही मेयर के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले पार्षदों ने भी इसे सच्चाई की जीत बताया है और मेयर से पद से इस्तीफे की मांग की है। गौरतलब है कि कुछ माह पूर्व एक ऑडियो वायरल हुआ था जिसमे काम के एवज में 25 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की जा रही थी, रिश्वत की मांग करने वाली आवाज रुड़की मेयर गौरव गोयल की बताई जा रही थी जिसपर मेयर ने षड्यंत्र का आरोप लगाते हुए कहा था कि अगर ऑडियो में मेरी आवाज निकली तो पद से इस्तीफा दे दूंगा। वही ऑडियो वायरल खबर चलाने पर मेयर ने कुछ पत्रकारों को नोटिस भी दिए थे। मामले ने तूल पकड़ा तो ऑडियो की फोरेंसिक जांच हुई, अब फोरेंसिक जांच में बताया गया है कि ऑडियो की आवाज मेयर गौरव गोयल की आवाज से मैच हुई है। वही रुड़की नगरनिगम के भाजपा पार्षद धीरजपाल ने बताया कि ऑडियो का ये मामला एक है ऐसे ही अनेको मामले है जिसमे मेयर के भ्र्ष्टाचार छिपे है जो एक-एक कर बाहर निकलेंगे। उन्होंने बताया मेयर के काले कारनामों का पर्दाफाश करने के लिए निगम पार्षद विवेक चौधरी, राकेश गर्ग, नितिन त्यागी, बेबी खन्ना, मोहसीन अल्वी, पंकज सतीजा आदि करीब दो दर्जन पार्षद लगे हुए है, जो समय-समय पर मेयर के भ्र्ष्टाचार पर आवाज उठाते आए है। उन्होंने कहा ऐसे भ्र्ष्टाचार मेयर को पद पर रहने का कोई अधिकार नही है उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए, भाजपा पार्षद धीरजपाल ने बताया शहर के ही जिम्मेदार नागरिक सुबोध गुप्ता से मेयर ने 25 लाख की रिश्वत की डिमांड की थीं, जिसके बाद वह इस मामले को लेकर कोर्ट तक गए थे, इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया हुआ है, अब ऑडियो की फोरेंसिक जांच के बाद मेयर के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।

 

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