सिक्खों के प्रसिद्ध धाम हेमकुंड साहिब के कपाट आज सुबह ठीक 10:15 पर खोल दिए गए इस दौरान सबसे पहले कीर्तन और उसके बाद गुरु ग्रंथ साहिब की पवित्र पुस्तक को सचखंड से हेमकुंड के दरबार साहिब में विराजमान की गई
15210 फीट की ऊंचाई पर विराजमान हेमकुंड साहिब सिक्कों का सबसे पवित्र धाम माना जाता है यहां आने के लिए सिख श्रद्धालु खासी तैयारियां करते हैं
मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु हेमकुंड साहिब के पवित्र धाम में पहुंचकर सरोवर में स्नान करता है उसके सभी पाप धुल जाते हैं
देश की खुशहाली के लिए इस बार हेमकुंड साहिब में पहली अरदास पढ़ी गई साथ ही तीर्थ यात्रियों की यात्रा में कोई बाधा ना आए इसके लिए भी अरदास की गई ।
चारों तरफ बर्फ ही बर्फ और गुरुद्वारा दरबार जो कि 10 फीट बर्फ के नीचे आज भी दबा हुआ है वहां पर जब गुरु गोविंद साहब की जय जयकार हुई तो मानो पूरा हेमकुंड साहिब सिख श्रद्धालुओं की भक्ति रस में डूब गया।
गोविंदघाट से 13 किलोमीटर की ऊंचाई पर बसा हुआ है घांघरिया और उसके बाद 6 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई के बाद सिख श्रद्धालु पहुंचते हैं हेमकुंड साहिब लेकिन इस बार भारी बर्फबारी के बाद लगभग 3 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई सिख श्रद्धालुओं के लिए काफी भारी पड़ रही है मार्ग पर बर्फ को काटकर गलियारे बनाए गए हैं इन गलियारों से गुजर कर सिख श्रद्धालु जान जोखिम में डालकर हेमकुंड साहिब पहुंच रहे हैं खड़ी चढ़ाई पार करने में प्रशासन की ओर से केवल एसडीआरएफ टीम को मौके पर लगाया गया है एसडीआरएफ की टीम हेमकुंड जाने वाले तीर्थ यात्रियों की मदद के लिए मौके पर मौजूद है
हेमकुंड साहिब में 2004 ,2008 ,2011, 2013 ,में जबरदस्त बर्फबारी हुई जिसके बाद मार्ग पर बड़े-बड़े ग्लेशियर इकट्ठा होकर यात्रियों का रोड़ा बने उसी प्रकार की 2018-2019 में भी भारी बर्फबारी के बाद 10- 10 फिट के बड़े-बड़े ग्लेशियर हेमकुंड साहिब में यात्रियों के मार्ग को रोक रहे हैं लेकिन सिख श्रद्धालुओं की आस्था को यह ग्लेशियर किसी प्रकार की मुश्किलें खड़ी नहीं कर रहे हैं यात्रा पर निकले वाहेगुरु की जय जयकार करते हुए हेमकुंड साहिब की खड़ी चढ़ाई को पार कर रहे हैं
तीर्थयात्रियों के जोश को देखते हुए इस बार हेमकुंड साहिब ट्रस्ट ने भी काफी तैयारियां की हुई हैं तैयारियों को देखते हुए श्रद्धालु काफी खुश हैं और ट्रस्ट जमकर तारीफ भी कर रहे हैं इस बार हेमकुंड साहिब में पंजाब से आए हुए विंडो की सुंदर धुन के साथ तीर्थ यात्रियों की आवा भगत भी की जा रही है और तीर्थ यात्रियों को हर सुविधाएं देने के लिए हेमकुंड साहिब ट्रस्ट पूरी तैयारी कर रहा है।
हेमकुंड साहिब की पवित्र झील भी भारी बर्फबारी के बाद जम चुकी है लेकिन सिख श्रद्धालुओं ने इस जमी हुई झील का एक किनारा खाली कर यहीं पर डुबकी लगाना शुरू कर दिया है – से भी नीचे के तापमान में सिख श्रद्धालु पवित्र झील में स्नान कर अपने आप को पवित्र कर रहे हैं इस बर्फबारी के बाद भी उन्हें इस स्थान पर ठंड भी महसूस नहीं हो रही है