मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए निवेश के लिए विभागों द्वारा जिन परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है उनकी समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्दश दिये कि राज्य में निवेश को तेजी से बढ़ाने के लिए विभागों में बनी पॉलिसी को और बेहतर बनाने के लिए जो भी सुझाव प्राप्त हो रहे हैं, उनको शामिल करते हुए जो भी संशोधन की आवश्यकता है, इसके लिए प्रस्ताव लाये जाएं। उन्होंने कहा कि सभी विभागीय सचिव इस पर विशेष ध्यान दें कि इन्वेस्टर्स समिट शुरू होने तक विभिन्न परियोजनाओं के तहत काफी अच्छी ग्राउंडिग हो जाए। राज्य में निवेश को तेजी से बढ़ाना राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। सभी विभागीय सचिव इसके लिए नियमित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करें।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी विभागों के लैंड बैंक की पोर्टल के माध्यम से मॉनिटरिंग की जाय। निवेश के लिए आवश्यकतानुसार भूमि का सही उपयोग होना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जो भी निवेश प्रस्ताव आ रहे हैं उनकी जल्द ग्राउंडिंग हो जाए। राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए विभागों द्वारा जो भी योजना बनाई जा रही है, उसका क्रियान्वयन सुनियोजित तरीके से हो। यह सुनिश्चित किया जाए कि नीतियों का सरलीकरण के साथ ही निवेशकों को सभी अनुमतियां समय पर मिल जाएं।
राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए पर्यटन, कृषि, मैन्युफैक्चरिंग, स्वास्थ्य, आयुष, शहरी विकास, ऊर्जा आईटी, खेल, स्किल डेवलपमेंट एवं तकनीकि शिक्षा, उच्च एवं माध्यमिक शिक्षा, परिवहन एवं अन्य क्षेत्रों में विभागों द्वारा किये जा रहे कार्यों की मुख्यमंत्री ने समीक्षा की। उन्होंने सभी सचिवों को निर्देश दिये कि कार्यों में और तेजी लाने के लिए अपने विभागों के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने के लिए और प्रभावी प्रयासों की जरूरत है। राज्य का समग्र विकास पर्वतीय क्षेत्रों के विकास से ही संभव है। पर्वतीय क्षेत्रों में निवेशकों को निवेश करने के लिए लगातार प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में निवेश के लिए अनेक संभावनाएं हैं, इन संभावनाओं को हमें कार्यरूप में लाकर प्रदेश की आर्थिकी को तेजी से बढ़ाना है।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधू, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, अरविंद सिंह ह्यांकी, सचिन कुर्वे, बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम, रविनाथ रमन, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, विजय कुमार यादव, डॉ. आर. राजेश कुमार, विनय शंकर पाण्डेय, दीपेन्द्र कुमार चौधरी, डॉ. एस.एन. पाण्डेय, प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।