देहरादून: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर भ्रष्टाचार में लिप्त मंत्रियों को बचाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से पिछले दिनों मुक्त विश्वविद्यालय में बैकडोर से नियुक्तियां की गईं, हरिद्वार महाकुंभ में टेस्टिंग घोटाला और सहकारिता विभाग में बाहरी एजेंसियों के माध्यम से नियुक्तियां की गईं, इन सबमें बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है। ऐसा लगता है मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों को भ्रष्टाचार की खुली छूट दे रखी है। शनिवार को कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष गोदियाल ने कहा कि उच्च शिक्षा में नियुक्तियों के मामले में हुए भ्रष्टाचार को सरकार अपनी उपलब्धि के तौर पर प्रस्तुत कर रही है। जबकि बैकडोर से हुई 56 नियुक्तियों के मामले में तत्कालीन राज्यपाल सवाल उठा चुकी हैं। सहकारिता विभाग में आए दिन भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं। पिछले दिनों विभाग में हुई नियुक्तियों को उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग से न कराकर आनन फानन में दिल्ली, नोयडा की एजेंसियों से परीक्षा करा दी गई।
कुंभ में कोरोना टेस्टिंग घोटाले पर सरकार की ओर से जांच एजेंसियों का गठन न करना, सरकार की संलिप्ता को दर्शाता है। समाज कल्याण विभाग में हुए छात्रवृति घोटाले में भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसी प्रकार से कर्मकार कल्याण बोर्ड में करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ, जिसकी कोई जांच नहीं की गई। उन्होंने इन तमाम घोटालों की जांच के लिए विधानसभा स्तर नेता प्रतिपक्ष की अध्यक्षता में समिति गठित कर जांच कराए जाने की मांग की है। प्रेस वार्ता में मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि, महामंत्री संगठन मथुरादत्त जोशी, गढवाल मीडिया प्रभारी गरिमा दसौनी, प्रदेश प्रवक्ता राजेश चमोली, दीप बोहरा, एवं सैनिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष कै. बलबीर सिंह रावत, सचिव महेश जोशी आदि उपस्थित थे।
भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में छात्र-छात्राओं को लैपटॉप और स्मार्टफोन देने का वादा किया था, लेकिन चाढ़े चार साल सोए रहने के बाद अब उसे चुनाव से ठीक पहले अपने वादे की याद आई है। अब जल्दबाजी में टैबलेट खरीदकर छात्रों को दिए जाएंगे। जिसमें टैबलेट से पहले ही घोटाले की बू आ रही है। उन्होंने कहा कि टेंडर प्रक्रिया को बिना अपनाए सरकार यह काम पीएसयू के माध्यम से करा रही है। आनन फानन में बडे पैमाने पर टैबलेट और स्मार्टफोन खरीदने जा रही है। समय कम होने के कारण नियम कानूनों को ताक पर रखकर सरकार द्वारा ऐसा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार को पीएसयू के माध्यम से इन्हें खरीदना है तो वह नियमों और सीवीसी गाइडलाइंस का पालन करें। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो इसे नियमों का अतिक्रमण और भ्रष्टाचार ही समझा जाएगा।
गणेश गोदियाल ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियाजना के कामों पर भाजपा के बड़े नेताओं का कब्जा है, जबकि स्थानीय ठेकेदारों से काम छीना जा रहा है। इतना ही नहीं निर्माण के काम में लगी कंपनियों की ओर से भी स्थानीय लोगों को काम न देकर बाहारी लोगों को काम पर लगाया जा रहा है। उन्होंने इसे स्थानीय लोगों के साथ धोखा बताया है।