न्यूज खबरदार । देहरादून ।
निजि स्कूलों को टक्कर दे रहे हैं, पहाड़ के सरकारी बोर्डिग स्कूल, इस बार सीएम धामी ने ये खास जरूरत की पूरी ।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय से उत्तरकाशी जनपद के कलस्टर विद्यालयों में परिवहन सुविधा के लिए 15 बसों का फ्लैग ऑफ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूली बच्चों के लिए बस की सुविधा उपलब्ध होने से उन्हें विद्यालय आवागमन में समय की बचत होगी। इस तरह के नवाचार से बच्चों को पठन-पाठन में सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए यह सराहनीय प्रयास किया गया है।
उत्तरकाशी जनपद के नगरीय क्षेत्र के 15 कलस्टर विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को परिवहन सुविधा उपलब्ध करवाये जाने के लिए जिलाधिकारी उत्तरकाशी द्वारा जिला खनिज न्यास फाउण्डेशन की मद एवं अन्टाईड फण्ड से 15 बस क्रय की स्वीकृति प्रदान की गयी। प्रति बस के लिए 20 लाख की दर से कुल 03 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत की गई। जिन प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए यह बस की सुविधा दी जा रही है, उनमें विकासखण्ड नौगांव के लिए 05, विकासखण्ड भटवाडी और विकासखण्ड डुण्डा के लिए 03-03, विकासखण्ड पुरोला के लिए 02 जबकि विकासखण्ड चिन्यालीसौड और विकासखण्ड मोरी के लिए 01-01 बस की सुविधा उपलब्ध करा गई है।
धामी सरकार शिक्षा के क्षेत्र में खास काम कर रही है. योजना के तहत अब परिषदीय विद्यालय सिर्फ स्कूल नहीं, बल्कि मॉर्डन सुविधाओं से लैस हो रहे हैं. अब पहाड़ के दूरस्थ इलाकों में कई सरकारी बोर्डिग स्कूलों को सरकार संचालित कर रही है।
बच्चों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार कर रही है ।
सरकार की प्राथमिकता केवल अधिक विद्यालय खोलना नहीं, बल्कि उनकी गुणवत्ता को बेहतर बनाना है. आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देने और बच्चों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने के उद्देश्य से स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल बोर्ड, प्रयोगशालाएं, समावेशी शिक्षा सुविधाएं और स्वच्छता व स्वास्थ्य प्रबंधन को विशेष रूप से शामिल किया गया है. वर्तमान समय में इन विद्यालयों से कई मेधावी छात्र अध्ययनरत हैं, लेकिन सरकार का लक्ष्य आगामी सत्र में और अधिक बच्चों का प्रवेश सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा है. धामी सरकार की इस पहल से अब सरकारी विद्यालय भी प्राइवेट स्कूलों की तरह उच्चस्तरीय सुविधाओं से लैस हो रहे हैं, जिससे छात्रों को समान अवसर मिल सकें।
छात्रों के लिए उपलब्ध होंगी मॉर्डन सुविधाएं
इस नवनिर्मित विद्यालय में छात्रों की शिक्षा को आधुनिक और प्रभावी बनाने के लिए स्मार्ट क्लासरूम की सुविधा दी गई है, जहां प्रत्येक कक्षा में डिजिटल बोर्ड और स्मार्ट लर्निंग टूल्स लगाए गए हैं. शिक्षा के साथ-साथ स्वच्छता और स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखा गया है. छात्रों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था आरओ और वाटर फिल्टर के माध्यम से की गई है, वहीं छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय बनाए गए हैं, जिससे स्वच्छता और सुविधा दोनों सुनिश्चित हो सकें. विद्यालय में सुरक्षा के भी विशेष प्रबंध किए गए हैं. आकस्मिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हर कक्षा में दो दरवाजे बनाए गए हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में छात्रों को आसानी से निकाला जा सके. मिड-डे मील के लिए भी अलग से एक भवन तैयार किया गया है, जहां छात्र आराम से बैठकर भोजन कर सकेंगे. इसके अलावा, बच्चों के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए विद्यालय में खेलकूद और प्रयोगशाला की भी विशेष व्यवस्था की गई है, जिससे वे न सिर्फ शारीरिक रूप से सक्रिय रह सकें, बल्कि वैज्ञानिक प्रयोगों के माध्यम से व्यावहारिक शिक्षा भी प्राप्त कर सकें।
दिव्यांग छात्रों के लिए विकसित की जा रही विशेष सुविधाएं
सरकार समावेशी शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष सुविधाएं विकसित कर रही है. इस विद्यालय को ‘दिव्यांग अनुकूल विद्यालय’ के रूप में विकसित किया गया है, जिससे विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को बिना किसी बाधा के शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिल सके. विद्यालय परिसर में दिव्यांग छात्रों की सुगमता को सुनिश्चित करने के लिए रैंप और रेलिंग सहित विशेष सहायक उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं. विद्यालय में विशेष रूप से प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है, जो दिव्यांग छात्रों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए शिक्षण प्रदान करेंगे. समावेशी शिक्षा की इस पहल से दिव्यांग छात्र बिना किसी भेदभाव के मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली में शामिल हो सकेंगे और उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा।
विद्यालय निर्माण में पर्यावरण संरक्षण का रखा गया विशेष ध्यान
उत्तराखंड की धामी सरकार शिक्षा के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा दे रही है, जिसमें प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और सतत विकास के सिद्धांतों को अपनाया गया है। विद्यालयों के निर्माण के दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि वहां पर मौजूद किसी भी पेड़ को न काटा जाए, बल्कि इसके स्थान पर अधिक से अधिक पौधरोपण किया जाए। इससे विद्यालय परिसर हरा-भरा बना रहेगा और साथ ही बच्चों को स्वच्छ व शुद्ध वातावरण में अध्ययन करने का अवसर भी मिलेगा ।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक श्री भरत चौधरी, श्री प्रमोद नैनवाल, सचिव शिक्षा श्री रविनाथ रमन, जिलाधिकारी उत्तरकाशी डॉ. एम.एस. बिष्ट, महानिदेशक शिक्षा श्री बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ. मुकुल सती, बेसिक शिक्षा निदेशक श्री अजय नौडियाल, जिला शिक्षा अधिकारी उत्तरकाशी श्री शैलेन्द्र अमोली उपस्थित थे।