पहाड़ों में जिस तरीके के से मौसम का मिजाज बदल रहा पीछे कई तर्क लगाए जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि जिस तरीके से पहाड़ों में देवी देवता इन दिनों भ्रमण पर हैं उसके बाद भी मौसम में इस तरीके का परिवर्तन देखा जा रहा है ।
वैज्ञानिकों का अलग ही तर्क है उनका कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ चलने से इस बार भारी बर्फबारी हो रही है और लगातार मौसम में परिवर्तन आ रहा है वहीं अगर बात करें तो 52 साल पहले जोशीमठ के कलगोट गांव में इस प्रकार से बर्फबारी हुई थी
कलगोट गांव के कौधुडिया जाख देवता अपने क्षेत्र भ्रमण पर निकलते हैं तो इसी तरीके की भारी बर्फबारी होती है बताया जा रहा है कि इन क्षेत्रों में 52 साल के बाद इस तरीके की बर्फबारी हुई है
मान्यता है कि कौधुडिया जाख कलगोट गांव के आराध्य देव भारी बर्फबारी के बीच भी नृत्य और अपने भक्तों को दर्शन देते हैं कलगोट जोशीमठ का सबसे दूरस्थ गांव है यहां आज भी लोग पैदल मार्ग से पहुंचते हैं मेला समिति के सचिव लक्ष्मण सिंह रावत ने बताया कि हमारे गांव के जाख देवता क्षेत्र के बड़े ही आराध्य देव माने जाते हैं जब भी 6 माह के लिए अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए आते हैं तो इसी तरीके की बर्फबारी होती है। समिति के अध्यक्ष तोता सिंह रावत ने बताया कि इस बार गांव में अत्यधिक बर्फबारी हुई है लेकिन धार्मिक आस्था लोगों में कम नहीं हुई और लोगों ने बढ़-चढ़कर जाख देवता के दर्शन किए आ रहे हैं
जाख देवता जोशीमठ विकास में भ्रमण कर वापस अपने गांव में इन दिनों ध्याण भत्ता दे रहे हैं। कोषाध्यक्ष इंदर सिंह रावत ने बताया कि जाख देवता के साथ मां भगवती की विशेष पूजा अर्चना की जा रही है।
इस दौरान दूर-दूर गांव से जाख देवता के दर्शन करने के लिए लगभग 400 से अधिक ध्याण कलगोट गांव में पहुंच चुकी हैं। वहीं जाख देवता के पश्वा मनोज रावत ने बताया कि 86 परिवारों का गांव जोशीमठ विकासखंड का सबसे दुर्गम गांव की श्रेणी में आता है और यहां पर धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी देवताओं का पूजन पाठ किया जाता है।
इस अवसर पर जाख देवता के पुजारी दरमान सिंह रावत भगवती के पश्वा अब्बल सिंह रावत के साथ समिति के अन्य लोग अपना विशेष सहयोग दे रहे हैं।

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