एसटीएफ के कार्यवाहक एसएसपी विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक उत्तराखंड राज्य की 2021 में परीक्षा का पेपर लीक मामले में देहरादून के रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में गिरोह का मास्टर माइंड सैयद  सादिक हुसैन मूसा और योगेश्वर राव काफी दिनों से फरार चल रहे थे। इस गिरोह के अब तक करीब 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

मूसा मूलरूप से अंबेडकरनगर के अब्दुलपुर सहजादपुर  का रहने वाला है। इस पर उत्तराखंड पुलिस ने दो लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। वहीं गाजीपुर के सहाबुद्दीनपुर भड़सर निवासी योगेश्वर राव उर्फ राजू पर एक लाख का इनाम घोषित किया था। दोनों के नाम का खुलासा गिरोह के सदस्यों ने एसटीएफ उत्तराखंड के अधिकारियों के पूछताछ में किया था। दोनों लखनऊ के इंदिरानगर के बी-ब्लॉक जैन मंदिर के पास शरण लिये थे। एसटीएफ की टीम ने दोनों को बृहस्पतिवार को विभूतिखंड के बांसमंडी इलाके से दबोचा है।

कार्यवाहक एसएसपी विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद काफी देर तक पूछताछ की गई। दोनों ने बताया कि उत्तराखंड राज्य में आयोजित परीक्षा का प्रश्नपत्र इंजीनियरिंग कालेज चौराहे पर स्थित आरएमएस सल्यूशन कंपनी द्वारा मुद्रित किया गया था। मूसा व योगेश्वर ने बताया कि यह जानकारी  आरएमएस कंपनी में काम करने वाले कासान शेख ने दी थी।

कासान ने यह भी बताया कि परीक्षा 4 दिसंबर को आयोजित होगी। बातचीत के दौरान कासान ने परीक्षा पेपर में उपलब्ध कराने की बात कही थी। इसके बदले आठ लाख रुपये लूंगा। जिस पर दोनाें ने सौदा तय किया। मूसा ने पूछताछ में बताया कि कासान ने पांच दिसंबर को दूसरी पाली में होने वाली परीक्षा का पेपर तीन दिसंबर को इंजीनियरिंग कालेज चौराहे के पास स्थित गौशाला के सामने दिया था।

पेपर मिलने की जानकारी उत्तराखंड के शशिकांत सिंह व बिजनौर के धामपुर निवासी केंद्रपाल सिंह को दिया। केंद्र पाल सिंह ने उत्तराखंड हल्द्वानी पहुंचने के लिए भी कहा। हम लोग अपने साधनों से फिरोज व संपन्न राव के साथ चार दिसंबर 2021 को हल्द्वानी पहुंचे। जहां बृजपाल हास्पिटल के पास एक होटल में योगेश्वर राव के नाम से दो कमरे बुक किया गया था।

वहीं पर शशिकांत व केंद्रपाल सिंह से मुलाकात हुई। जिसके बाद दोनों से प्रति परीक्षार्थी 10 लाख रुपये लेने की बात तय की गई। परीक्षा के बाद शशिकांत ने योगेश्वर राव को 20 लाख रुपये दिया। बाकी रकम बाद में देने का वादा किया था। जो रकम मिली थी योगेश्वर ने उसे कासान शेख को दिया था।

पूछताछ में मूसा ने एसटीएफ टीम को बताया कि परीक्षा संपन्न होने के बाद 2022 में उत्तराखंड विधानसभा का चुनाव था। आचार संहिता लागू हो गई थी। चुनाव संपन्न होने के बाद परीक्षा का परिणाम जारी हुआ। परिणाम जारी होने के बाद आयोग ने परीक्षार्थियों की स्क्रीनिंग कराई। जिसमें 100 परीक्षार्थी संदिग्ध पाये गये। जिसके बाधार पर आयोग ने मामले की जांच शुरू करा दी। कार्यवाहक एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक जांच में अनियमितता पाये जाने पर देहरादून के रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया।

मूसा ने पुलिस को बताया कि सोशल मीडिया के जरिए उनके नाम सामने आने की बात पता चली। साथ ही इनाम की बात भी पता चल गई। गिरफ्तारी से बचने के लिए छिपने लगे। एसएसपी विशाल के मुताबिक दोनों आरोपियों को एसटीएफ उत्तराखंड विधिक कार्यवाही के लिए सुपुर्द कर दिया जाएगा।

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