15 साल से बच्चो की तरह पाला जंगल आज विश्व पर्यावरण दिवस है देश मे आज पर्यावरण दिवस के अवसर अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है जिसमे पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र मे ठोस कदम उठाने पर देशभर मे संदेश दिया जा रहा है आज हम पर्यावरण दिवस के अवसर पर नारी शक्ति का एक प्रयास दिखाने जा रहे है जो कि पर्यावरण के संरक्षण के लिए काम करने वालो के लिए प्रेरणा दायक है जोशीमठ की कुछ महिलाओ ने पर्यावरण संरक्षण पर ऐसा कारनामा कर दिखाया है कि वन विभाग भी इससे प्रेरणा ले रहा है जोशीमठ नगर पालिका क्षेत्र के मनोहर बाग की महिलाओ ने अपने जंगल को बचाने के लिए संकल्प लिया और वर्ष 2003 मे एक बैठक कर पर्यावरण संरक्षण के लिए पहल करने की योजना बनाई उसके बाद सभी महिलाओ ने अपने चारा पत्ती के जंगलो को बचाने के लिए वृक्षारोपण किया महिलाओ ने वन विभाग के साथ मिलकर 100 नाली भूमि पर बांज, बुराश, केल, चीड़ आदि के पेडो का रोपण किया गया 15 साल तक अपने बच्चो के साथ इन महिलाओ ने पेडो की रक्षा की सबसे बड़ी बात यह है कि इन महिलाओ ने पर्यावरण को बचाने के लिए पारम्परिक लोक गीतो को गाकर पेड़ और जंगल को बचाने का प्रयास किया आज हर महिला इस जंगल को बचाने के लिए प्रयास कर रही है वही आज वन विभाग भी मान रहा है कि पर्यावरण को बचाने के लिए इसी प्रकार के दुर्लभ प्रयास करने की आवश्यकता है हर घर कि महिलाओ को संकल्प करना होगा कि हमको अपने जंगल की रक्षा करनी होगी जीवन मे कुछ करने की चाहत हो तो कुछ भी असंभव नही है बस कुछ अच्छा करने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है आज सरकार को भी सिखना होगा कि जमीन पर पर्यावरण संरक्षण के लिए कैसे उपाय किए जाते है समाज के लिए प्रेरणादायक इन महिलाओ का यह प्रयास जीवन के लिए सुखदायक है इस कार्य मे देवश्वरी देवी, नीमा देवी, गुड़ी देवी , ऊषा देवी, शान्ता भट्ट, जगदम्बा नौटियाल आदि ने जंगल को बचाने का प्रयास किया