ऋषिकेश। लैंसडाउन वन प्रभाग लालढांग वन रेंज के यमकेश्वर प्रखण्ड स्थित तल्ला बनास के दयावाला गांव में वन तस्करों ने नाप खेत की भूमि से सटे रिजर्व फॉरेस्ट में खड़े दर्जनों बेशकीमती खैर के पेड़ों को काट डाला, जबकि उक्त पेड़ों का कटान नाप खेत की भूमि से किया जाना था। ऐसे में वन महकमें की नियमित गस्त पर भी प्रश्नचिन्ह लगता दिख रहा है।
यह नयी बात नही है जब इस तरह से वन विभाग से अनुमति लेकर अन्यंत्र प्रतिबंधित जगह पर पेड़ काटे गये हो और वन तस्करों द्वारा खैर के पेड़ों के काटे जाने के बाद वन महकमे में हड़कम्प मच गया है। जबकि स्थानीय ग्रामीण यशपाल असवाल ने उक्त अवैध पेड़ों के कटान की शिकायत वन विभाग के उच्चाधिकारियों से करते हुए मौके की विडियो व फोटो भी उपलब्ध कराए गए है।
जानकारी के अनुसार बीन नदी से सटे बिंदवासनी मन्दिर के समीप दयावाला गांव के कास्तकार अवतार सिंह ने अपनी नाप खेत की भूमि में खड़े 60 पेडों को काटे जाने के लिए राजस्व व वन विभाग से अनुमति प्राप्त की थी।अवतार सिंह ने उक्त पेड़ों को काटने के लिये कोटद्वार के एक ठेकेदार को काम सौंपा था जिसने अवतार सिंह के नाप खेत से 60 पेड़ तो काटे ही साथ ही रिजर्व फॉरेस्ट में घुसपैठ कर लगभग तीन दर्जन से अधिक खैर के पेडों का सफाया कर दिया और दो ट्रक लकड़ियों का लदान कर बाहर भेज दिया गया। स्थानीय लोगों के विरोध के बाद सोमवार को वन महकमें ने मामले का संज्ञान लेते हुए उप वनाधिकारी लैन्सडाउन ने मौके का निरीक्षण किया जहां उन्हें 112 पेड़ों की ठूंठ जड़े मिली, अब वन विभाग अवैध पेड़ों के कटान को लेकर जांच कर कार्यवाही करने की बात कर रहा है।देखना यह होगा कि वन महकमा उक्त अवैध पेडों के कटान व वन तस्कर के खिलाफ क्या कार्यवाही करती है। या फिर जांच के नाम पर ठंडे बस्ते में मामला दफन होगा।