गौचर मेले की आखरी सांस्कृतिक संध्या प्रसिद्व बाॅलीवुड सूफी गायक वारसी बंधु तथा बालीवुड प्ले बैक गायिका श्रद्धा पंडित के नाम रही। वारसी बंधुओं ने जहाॅ सांस्कृतिक संध्या पर अपनी कव्वालियों से समा बांधा वही प्ले बैक गायिका श्रद्धा पंडित के एक से बढकर एक फिल्मी गानों की प्रस्तुति पर दर्शक देर रात तक झूमते रहे। अपनी शानदार प्रस्तुति से इन फनकारों ने आखरी संध्या को यादगार बनाया। गौचर मेले की आखरी सांस्कृतिक संध्या के मुख्य अतिथि क्षेत्रीय विधायक सुरेन्द्र सिंह नेगी ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
प्रसिद्व वालीहुड सूफी गायक वारसी बंधु ने सांस्कृतिक संध्या पर एक के बाद एक सूफी कव्वाली की प्रस्तुति से ऐसा समा बांधा कि दर्शक तालियों की थाप पर थिरकते नजर आए। मंच पर आते ही उन्होंने ‘मेरा पिया घर आया…..’, कैसा ये प्यार है अल्लाह अल्लाह…., मेरे लसके कमर….., सोचता हूॅ कि वो कितने मासूम थे…..दमादम मस्त कलन्दर…..आदि सूफी कव्वालियों से दर्शकों का दिल जीत लिया। अपनी सूफी कव्वालियों से वारसी बंधु ने दर्शकोें को मंत्रमुग्ध कर दिया। पूरा पंडाल सूफी गायक वारसी बंधु की कव्वालियों पर तालियों की गडगडाहट से गूंज उठा।
इसके बाद बालवुड गायिका श्रद्धा पंडित के गानों पर देर रात तक दर्शक थिरकते रहे। उन्हांेने हिन्दी, सिंधी एवं पंजाबी भाषा में एक से बढ़कर एक गानों की प्रस्तुति देकर दर्शकों को खूब नचाया। श्रद्धा पंडित ने ‘ऐसे लहरा के तू रूबरू आ गई……’‘जुगनी जुगनी…’ कजरा मुहब्बत वाल…, तू चीज बडी है मस्त मस्त…, सावन में लग गई आग….., एक कन्या कुंवारी…., मेरी उमर के नौजवानों…., सूरज डूबा है यारों…..जो मैनू प्यार ना मिले…..तू कैन्दी बिगरेली दी पूरा लंदन ठुमुकदा…. आदि मशहूर गानों पर दर्शकों को देर रात तक नाचने को मजबूर किया और गौचर मेले की आखरी सांस्कृतिक संध्या को यादगार बना दिया। इस दौरान हजारों की संख्या में दर्शक मौजूद रहे।
मुख्य अतिथि कर्णप्रयाग विधायक सुरेन्द्र सिंह नेगी, जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया, मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे एवं मेलाधिकारी देवानंद शर्मा ने मेला समिति की ओर से वारसी बंधु एवं गायिका श्रद्धा पंडित को शाॅल एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया।