स्वास्थ्य सेवाओं में संजीवनी बूटी का काम करने वाली 108 एंबुलेंस सेवा पर हर दिन सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं 108 सेवा मरीजों की मौत का कारण बनती जा रही है ताजा मामला जोशीमठ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में समय पर इलाज न मिलने से एक प्रसूता और उसके नवजात बच्चे की मौत का आया है मृतका के परिजनों ने मामले में समय से 108 सेवा उपलब्ध न होने के चले मौत होने की बात कही है।
जानकारी के अनुसार नेपाल के सुरखेत, जिला जाजरकोट निवासी 20 वर्षीय बसंती अपने परिवार के साथ जोशीमठ में निवास करती थी। प्रसूता को शनिवार सुबह 7 बजे उसका पति नन्दू प्रसव पीड़ा होने के बाद उसे सीएचसी जोशीमठ लाया। जँहा उसकी गम्भीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने उसे सुबह 10 बजे हायर सेंटर रैफर कर 108 को मामले की जानकारी दी। इस दौरान महिला का बच्चा जँहा गर्भ में ही मर गया वंही प्रसूता की स्थिति और गम्भीर हो गयी।
लेकिन घण्टों तो 108 के न पहुंचने चलते शाम करीब 4 बजे बसंती की भी मौत हो गयी है। परिजनों ने आरोप लगाया कि उनको न सरकारी एंबुलेंस प्राप्त हुई और ना ही किसी प्राइवेट वाहन स्वामी ने उन्हें अस्पताल पहुंचाने में मदद की उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हमारा मरीज तड़पता रहा लेकिन किसी ने भी मदद नहीं की दुखी परिजनों ने कहा कि हम यहां बाहर से आए है इसलिए हमारे साथ इतना बड़ा भेदभाव किया गया मृतका की जेठानी मीना देवी ने बताया कि हम नेपाल से यहां रहने के लिए और मजदूरी करने के लिए आए हैं लेकिन मजदूरी करने वाले नेपाल के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं में कभी सुविधाएं नहीं दी जाती हैं कारण है कि शनिवार को भी हमें एंबुलेंस और प्राइवेट वाहन उपलब्ध नहीं कराए गए जिससे हमारे परिवार के एक सदस्य की मौत हो गई
मामले में सीएमओ केके सिंह का कहना है 108 सेवा पर न मिलने सहित पूरे मामले की जांच कर, नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।