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फर्जी डिग्री से 16 साल नौकरी करने वाला रुड़की का शिक्षक गिरफ्तार, अब रिटायरमेंट के समय गया जेल

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फर्जी डिग्री से 16 साल नौकरी करने वाला रुड़की का शिक्षक गिरफ्तार, अब रिटायरमेंट के समय गया जेल

शिव कुमार सैनी वर्ष 2008 में प्राथमिक शिक्षक के तौर पर तैनात हुए। इतने वर्षों तक वह नौकरी करता रहा। सेवानिवृत्ति के लिए मात्र तीन साल रह गए थे तब जाकर उसके शैक्षिक प्रमाणपत्रों का सत्यापन हुआ और पुलिस गिरफ्त में आ गए।

फर्जी शैक्षणिक प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी पाने वाले एक शिक्षक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को चार माह पहले शिक्षा विभाग ने बर्खास्त कर दिया था। अब रुड़की से आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। उसका इंटर का प्रमाणपत्र फर्जी मिला है।

गोपेश्वर थाने में मुख्य शिक्षाधिकारी धर्म सिंह रावत ने आठ जनवरी 2025 को रिपोर्ट दर्ज कराई कि शिव कुमार सैनी ने फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर शिक्षक की नौकरी हासिल की। शिव कुमार राजकीय प्राथमिक विद्यालय मेहलचौरी गैरसैंण ब्लॉक में बतौर सहायक अध्यापक तैनात था। पुलिस ने तहरीर के आधार पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया।

एसपी सर्वेश पंवार के निर्देश पर आरोपी शिक्षक की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गई। पुलिस को आरोपी शिव कुमार के गंगनहर रुड़की क्षेत्र में रहने की जानकारी मिली। पुलिस ने बीते पांच फरवरी को उसे गिरफ्तार कर लिया। थानाध्यक्ष गोपेश्वर कुलदीप सिंह ने बताया कि आरोपी के फर्जी शैक्षणिक प्रमाणपत्रों के आधार पर मिली नौकरी के दौरान अर्जित संपत्ति की भी जांच की जा रही है।

 

16 साल की नौकरी, रिटायरमेंट के समय गया जेल

 

शिव कुमार सैनी (57) निवासी शिवपुरम पनियाला रोड, कोतवाली गंगनहर रुड़की जिला हरिद्वार ने वर्ष 2008 में प्राथमिक शिक्षक के तौर पर तैनात हुए। इतने वर्षों तक वह नौकरी करता रहा। अब जब शिव कुमार की उम्र 57 वर्ष हो गई और सेवानिवृत्ति के लिए मात्र तीन साल रह गए थे तब जाकर उसके शैक्षिक प्रमाणपत्रों का सत्यापन हुआ और पुलिस गिरफ्त में आ गए।
शिव कुमार सैनी 16 वर्ष तक चमोली जिले में नौकरी करता रहा। उसके शैक्षिक प्रमाणपत्रों के सत्यापन में विभाग को 16 साल लग गए।

सत्यापन के बाद बीते नवंबर माह में उसे शिक्षा विभाग ने निलंबित किया। विभागीय जांच में सामने आया कि आरोपी का इंटरमीडिएट का वर्ष 1989 का प्रमाणपत्र फर्जी है। उसके बाद ग्रेजुएशन की और फिर बीएड करने के बाद शिक्षा विभाग में नौकरी हासिल की। शिव कुमार की उम्र 57 साल हो चुकी है और सेवानिवृत्ति के लिए तीन साल शेष थे। इस संबंध में मुख्य शिक्षाधिकारी धर्म सिंह रावत का कहना है कि आरोपी के प्रमाणपत्रों के सत्यापन में 12वीं के प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए। 12वीं का प्रमाणपत्र फर्जी होने पर उसके बाद के ग्रेजुएशन सहित अन्य शैक्षिक प्रमाणपत्र भी स्वत: ही फर्जी हो जाते हैं। बीते नवंबर में शिव कुमार को बर्खास्त किया गया। जनवरी में उसके खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई गई।

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