चमोली के जोशीमठ नृसिंह मंदिर से शुक्रवार को तिल कलश डिमर के लिए रवाना हुआ।शनिवार को गाडू घडा डिमर गांव से ऋषिकेश के लिए रवाना होगा वही से रविवार को टिहरी के राजदरबार मे गाडू घडा पहुचेगा।
जोशीमठ और पाडुकेश्वर मे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पंचांग पूजा की गई उसके बाद कलश की पूजा की गई माना जाता है जिस दिन कलश का शंखनाद होता है उसी दिन से चार धाम की यात्रा की तैयारी भी शुरु हो जाती है इसलिए कलश के साथ शंख ध्वनि की बजाई जाती है।
बद्रीनाथ धाम के साथ गंगोत्री ,यमुनोत्री,केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि अक्षय तृतीया के बाद शुरू हो जाति है बद्रीनाथ धाम के कपाट सबसे बाद मे खोले जाते है ।
बंसत पंचमी के पावन दिन पर बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथी टिहरी के राजदरबार मे घोषित होगी वही से भगवान बद्रीनाथ के कपाट खुलने की तैयारी भी शुरु हो जायेगी।

शंख और ढोल दमाऊ की धुन के साथ साथ एक विशाल भंडारे के साथ आज से चार धाम यात्रा की तिथी और तैयारी का श्रीगणेश हो चुका है बस अब सरकारो को चाहिए कि वे चार धाम यात्रा की तैयारी पर जुट जाये ताकि 2019 की चार धाम यात्रा सुव्यवस्थित हो सके

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here