रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) ऋषिकेश और कर्णप्रयाग के बीच 125 किलोमीटर नई बीजी रेल लाइन परियोजना का निर्माण कार्य कर रहा है। टनल कार्यों को 10 विभिन्न पैकेजों में विभाजित किया गया है और विभिन्न कार्यदाई संस्थाएं इन अलग-अलग पैकेजों में कार्य कर रही हैं।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना के तहत पैकेज-6 की टनल संख्या-11 में मुख्य टनल का आज फाइनल ब्रेक-थ्रू किया गया। पैकेज-6 की यह टनल जीआईटीआई मैदान से डुंगरीपंथ तक है। जिसकी कुल लंबाई 9.05 किमीहै। मंगलवार को इसी टनल के 3.3 किमी पर ब्रेक-थ्रू कर आर-पार कर दिया गया है।
बता दें कि रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) ऋषिकेश और कर्णप्रयाग के बीच 125 किलोमीटर नई बीजी रेल लाइन परियोजना का निर्माण कार्य कर रहा है। टनल कार्यों को 10 विभिन्न पैकेजों में विभाजित किया गया है और विभिन्न कार्यदाई संस्थाएं इन अलग-अलग पैकेजों में कार्य कर रही हैं। रेल लाइन परियोजना के अंतर्गत पैकेज-6, श्रीनगर जीआईटीआई मैदान से डुंगरीपंथ (धारी देवी स्टेशन यार्ड) के बीच स्थित है। पैकेज-6 के तहत ऋषिकेश-कर्णप्रयाग परियोजना की टनल संख्या-11 जिसकी कुल लंबाई 9.05 किमी है, श्रीनगर और डुंगरीपंथ को जोड़ती है।
मुख्य टनल संख्या-11 वह टनल है जिसमें ट्रेन चलेगी और एस्केप टनल संख्या-11 आपातकालीन बचाव टनल है जो मुख्य टनल के समानांतर चल रही है। इसलिए दो समानांतर टनल यानी मुख्य टनल व एस्केप टनल पैकेज-6 में निर्माणाधीन है। इसके अलावा टनल नंबर-11 का निर्माण कार्य तेज करने के लिए 2 एडिट टनल का निर्माण भी किया गया है। ये एडिट-5 (श्रीकोट गंगा नाली गैस गोदाम के पास) और एडिट-6 (स्वीत गांव में) हैं। श्रीनगर जीएआईटीआई टनल संख्या-11 का पोर्टल-1 (पी-1) है और डुंगरीपंय/धारी देवी स्टेशन यार्ड पोर्टल-2 (पी-2) है।
रेल विकास निगम के परियोजना निदेशक पीयूष पंत ने बताया कि मंगलवार को दोपहर 3 बजे पोर्टल-1 और एडिट-5 के बीच मुख्य टनल का अंतिम ब्रेक-थ्रू सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। इस ब्रेक-थ्रू के बाद श्रीनगर से डुंगरीपंथ (धारी देवी स्टेशन यार्ड) तक 9.05 किमी लंबाई की मुख्य टनल की पूरी खुदाई हो चुकी है।
अंतिम चरण में टनल की खुदाई के पहले, फाइनल कंक्रीट लाइनिंग का काम शुरू कर दिया गया है और वर्तमान में फाइनल लाइनिंग का काम 5.29 किमी. मुख्य टनल में पूरा हो चुका है और फाइनल कंक्रीट लाइनिंग का 3.6 किमी. काम एस्केप टनल में पूरा हो चुका है। उन्होंने बताया कि पैकेज-6 की कार्यदाई संस्था एम/एस सांग दा-ऋत्विक जेवी है और इस कार्य का पर्यवेक्षण परियोजना प्रबंधन परामर्शी के रूप में एम/एस एईसीओएम द्वारा किया जा रहा है। ब्रेक-थ्रू के रौके पर ऋत्विक कंपनी के परियोजना प्रबंधक वीरेश चालमी, हुसैन कराओग्लान, कोडे वासु आदि अधिकारी मौजूद रहे।