देहरादून, 5 सितंबर 2024
उत्तराखंड में आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम की समीक्षा बैठक का आयोजन आज वर्चुअल माध्यम से राष्ट्रीय स्वास्थ्य
मिशन, उत्तराखंड के निदेशक डॉ. मनु जैन की अध्यक्षता में किया गया। इस बैठक में स्वास्थ्य और परिवार
कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा चिन्हित छह आकांक्षी ब्लॉकों की प्रगति की समीक्षा की गई। इनमें
अल्मोड़ा जिले का स्यालदे, उत्तरकाशी का मोरी, हरिद्वार का बहादराबाद, ऊधम सिंह नगर का गदरपुर, पौड़ी
गढ़वाल का दुगड्डा और बागेश्वर का कपकोट ब्लॉक शामिल हैं।
उक्त बैठक में राज्य के सहायक निदेशक मातृ एवं बाल स्वास्थ्य, सीनियर कन्सलटैंट मातृ स्वास्थ्य के साथ
जनपदों के अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी मातृ
एवं बाल स्वास्थ्य द्वारा प्रतिभाग किया गया।
डॉ. मनु जैन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने बैठक में मातृ मृत्यु अनुपात और शिशु मृत्यु दर को कम
करने की प्राथमिकता पर जोर दिया, जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का प्रमुख लक्ष्य हैं। उन्होंने सभी आकांक्षी
ब्लॉकां े के जिलों को निर्देश दिया कि वे तीन प्रमुख लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए समयबद्ध कार्य याजे ना
प्रस्तुत करें। इन लक्ष्यो ं मं े पहला, 90ः से अधिक गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण गर्भावस्था की प्रथम
तिमाही में सुनिश्चित करना, दूसरा, 90ः से अधिक संस्थागत प्रसव की उपलब्धि, और तीसरा, 2500 ग्राम
से कम वजन वाले नवजात शिशुआं े की संख्या को 10ः से नीचे लाना शामिल है।
इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए डॉ. जैन ने कई रणनीतिक उपाय पर विषेश जोर डाला। जिनमें गर्भवती
महिलाओं का पंजीकरण, संस्थागत प्रसव की बढोतरी हेतु जागरूकता अभियान, विभिन्न माइक्रोन्यटिू ªएंट्स,
;आयरन-फोलिक एसिड एवं कैल्षियम की गाेि लयोंद्ध आपूर्ति शृंखला प्रबंधन और रिपोर्टिंग में ध्यान केंद्रित
करना शामिल है। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं में कमियों को दूर करने, स्वास्थ्य सेवा की क्षमता बढ़ाने, और
समुदाय के बीच जागरूकता फैलाने पर भी जोर दिया। इसके अतिरिक्त अन्य विभागां े के साथ समन्वय और
मातृ स्वास्थ्य की रिपोर्टिंग और कार्यक्रम की समीक्षा प्रणाली ब्लॉक एवं जनपद स्तर पर मजबूत करने हेतु
निर्देषित किया गया।
डॉ. मनु जैन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने उच्च जोखिम वाली गर्भवतियां े की पहचान, गर्भावस्था के
दौरान हीमोग्लोबिन की जांच और प्रजनन आयु वर्ग की महिलाओं के लिए विशेष शिविर आयोजित करने के
निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने पोषण और आयरन-फोलिक एसिड की गोलियों के वितरण पर विशेष ध्यान
देने की आवश्यकता पर भी बल दिया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, की फोकस्ड अप्रोच के तहत चिन्हित छह
आकांक्षी ब्लॉकों की नियमित समीक्षा की जाएगी, और असाधारण कार्य करने वाले चिकित्सा अधिकारियों,
जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला कार्यक्रम अधिकारी मातृ एवं बाल स्वास्थ्य तथा फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को
सम्मानित करने के लिए पुरस्कार प्रणाली शुरू की जाएगी।
डॉ. मनु जैन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने अन्य विभागों के साथ समन्वय पर भी जोर दिया ताकि
स्वास्थ्य परिणामों मं े सुधार के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया जा सके