पांडुकेश्वर में आयोजित रामलीला में प्रथम दिवस शिव और रावण संवाद का सुंदर प्रस्तुतीकरण रहा के बाद घमंडी रावण कैलाश को उठाने के लिए कैलाश पर्वत पहुंचा । और कैलाश पर्वत को उठाने लगा उसी समय शिवजी को क्रोध आ गया। भगवान भोले शंकर ने रावण को कहा कि वरदान मांग कर तुम बहुत अभिमानी हो गए हो इसलिए तुम कैलाश पर्वत आकर मुझे डराने की कोशिश कर रहे हो ,

इस पर रावण भयभीत हो गया और शिव से प्रार्थना करने लगा उसी समय रावण ने शिव तांडव स्त्रोत्र की रचना की , जिस पर शिव प्रसन्न हो गए और शिव ने रावण को चंद्रहास प्रदान की इससे पहले रावण, विभीषण, कुंभकरण ने घनघोर तपस्या करके ब्रह्मा से वरदान मांगा ब्रह्मा ने कुंभकरण को 6 माह तक सोने का वरदान दिया और रावण को वरदान देते हुए कहा कि तुम नर और बंदरों के अलावा किसी के हाथ नहीं मारे जाओगे तो वही विभीषण को हरि भक्त बनने का वरदान दिया।
रामलीला में पहुंचे क्षेत्रीय विधायक महेंद्र भट्ट ने दीप प्रज्वलित करके रामलीला का शुभारंभ किया पांडुकेश्वर में 6 अप्रैल से 16 अप्रैल तक रामलीला का भव्य मंचन किया जाएगा बद्रीनाथ धाम की सफल यात्रा के लिए रामलीला का आयोजन किया जाता है। रामलीला के दूसरे दिन बुधवार को भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा।

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