रानीखेत: 

कालीगाढ़ पट्टी में कुंवाली घाटी स्थित दैना गांव में बुजुर्ग मोहन राम को शिकार बनाने वाले हिंसक गुलदार को आदमखोर घोषित कर दिया गया है। डीएफओ महातिम सिंह यादव की संस्तुति पर मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डा. समीर सिन्हा ने मानव जाति के लिए खतरा बन चुके गुलदार के निस्तारण के अनुमति दे दी। हालांकि पहला प्रयास हिंसक वन्यजीव को पिंजड़े में कैद या ट्रैंकुलाइज करना रहेगा। मगर कब्जे में न आने पर गुलदार को नरभक्षी होने की कीमत चुकानी पड़ सकती है। इधर मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक से हरी झंडी मिलने के बाद डीएफओ ने कुशल व अनुभवी शिकारियों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। ताकि वन विभाग की टीम के साथ उन्हें जल्द तैनात कर ग्रामीणों को आक्रामक गुलदार से मुक्ति दिलाई जा सके। इधर मानव खून लगने के बाद हिंसक वन्यजीव घटना की पुनरावृत्ति न कर सके, उसकी गतिविधियों पर नजर के लिए तीन ट्रैप कैमरे लगा दिए गए हैं। वहीं गुलदार प्रभावित इलाके में कांबिंग तेज कर दी गई है।

तहसील से लगे द्वाराहाट ब्लाक के दैना गांव में बीते मंगलवार की शाम गुलदार ने 65 वर्षीय मोहन राम को मार डाला था। वहीं मौके पर पिंजड़ा लगा गश्त बढ़ा दी गई। इधर मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने बुजुर्ग को मार डालने वाले गुलदार के निस्तारण का अंतिम विकल्प दे दिया है। डीएफओ के अनुसार कुशल शिकारी दल के पहुंचने तक विभाग के पुराने व अनुभवी वन कर्यियों से जनसुरक्षा के साथ गुलदार पर नजर रखी जा रही है। वन क्षेत्राधिकारी सोमेश्वर रेंज मनोज लोहनी के अनुसार वन विभाग की टीम ने स्थानीय ग्रामीणों को साथ लेकर शाम तक कांबिंग की।

दैना गांव की घटना दुखद है। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक की ओर से गुलदार को मारने की अनुमति मिल गई है। अंतिक विकल्प के रूप में। अब अनुभवी शिकारियों से संपर्क साध रहे हैं, जिन्हें गुलदारों से निपटने का अच्छा अनुभव है। गांव या आसपास टकराव जैसे हालात न बनें, मैं खुद स्थिति पर नजर रखे हूं। विभागीय टीम जनसुरक्षा को देखते हुए क्षेत्र में ही कैंप करेगी।

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