चमोली जनपद के जोशीमठ विकासखंड में स्थित सलुड डूंग्रा गांव जो कि रमाण मेले के लिए विश्वभर मे प्रसिद्ध है यही सलुड डूंग्रा गांव अब केवल मेले के लिए ही नही बल्कि रोजगार के लिए भी बेरोजगार को लिये वरदान साबित वाला है

विश्व मे अपनी पहचान बना चुका रम्माण मेला जो कि यूनेश्को के द्वारा भी सर्वश्रेष्ठ मेला घोषित किया जा चुका है वही मेला अब अपने गांव मे खुशहाली लाने वाला है दिल्ली मे इंदरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र और रम्माण के आयोजको के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर होने वाले है जिसके बाद रम्माण मेले मे रोजगार के अपार अवसर खुलने की संभावना है ।

इस मेले के आयोजन और अध्यक्ष कुशाव सिंह भंडारी ने बताया कि इंदरागांधी कला केंद्र दिल्ली से एमओयू की फाइल जिलाधिकारी चमोली को भेजी जा चुकी है और उस पर जिलाधिकारी के हस्ताक्षर होते ही रोजगार के लिए बनाया गया प्रोजेक्ट भी स्वीकृत हो जायेगा

कहते है कि पहाड के मेले और देवी पूजन मनोरंजन के जरिए है लेकिन जब सोच और समझ हो तो हम इन मेलो के माध्यम से गांव मे रोजगार के अवसर भी तलाश कर सकते है

इस मेले के बारे मे हम दर्शको को बता दे कि यह मेला मुखौटा का आनोखा नृत्य है जिसमे डोल दमाऊ के 18 ताल पर नृत्य किया जाता है जो कि वैशाखी के दिन बडे की भव्य समारोह के रुप मे मनाया जाता है तभी तो 2009 मे यूनेश्को ने इस मेले को विश्व का सर्वश्रेष्ठ मेला घोषित किया है साथ ही 26 जनवरी 2016 मे रम्माण मेले की सुन्दर झांकी गणतंत्र दिवस के दिन राजपथ पर प्रदर्शन कर चुकी है यही नही रम्माण मेला अनेक मंचो पर भी अपनी पहचान दे चुका है राष्ट्मंडल खेलो के अलावा रम्माण का प्रदर्शन बेंगलूर उत्तराखंड के अनेक मंच पर भी दिखाया जा चुका है

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