बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रियाओं के तहत बुधवार को नृसिंह मंदिर जोशीमठ में
आयोजित पूजाओं के दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग नियमों की अनदेखी हुई। पूजा के दौरान यँहा बड़ी संख्या में भक्त शकराचार्य की गद्दी के दर्शन और पूजा अर्चना के लिये पहुंचे। जबकि तहसील प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार पूजा-अर्चना के लिये महज 30 से 35 लोगों को कार्यक्रम में शामिल रहने की अनुमति प्रदान की गई थी।ऐसे में यहां संक्रमण के खौफ पर लोगों की आस्था भारी नजर आई।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार द्वारा मंदिरों में दर्शनों पर पूर्ण रोक लगाई गई है। ऐसे में बदरीनाथ के कपाट खुलने की प्रक्रियाओं को लेकर बुधवार को नृसिंह मंदिर में शंकराचार्य गद्दी की पूजा आयोजन किया गया। इस दौरान यहां प्रशासन और पुलिस की सख्ती के बावजूद बड़ी संख्या में भक्त शकराचार्य गद्दी के दर्शनों के लिये पहुंचे। अधिक लोगों के मन्दिर में पहुचंने के चलते यँहा फिजिकल डिसटेंसिंग के नियमों की अनदेखी देखने को मिली। पुलिस और तहसील प्रशासन के अधिकारियों व जवानों द्वारा फिजीकल डिस्टेंसिंग के पालन के लिये लगतार लोगों से अपील की जाती रही। लेकिन आस्था के भावों में भक्तों पर प्रशानिक अधिकारियों की अपील पर भी कोई असर नहीं हुआ।
वहीं जोशीमठ के एसडीएम अनिल चन्याल ने बताया कि मंदिर में पूजा-अर्चना के लिये मंदिर के पुजारी व कर्मचारियों के साथ ही रावल, धर्माधिकारी सहित 35 लोगों को कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति दी गई थी। यदि कार्यक्रम में बिना अनुमति कोई शामिल हुआ है, तो मामले का दिखवाया जाएगा। साथ ही दोषी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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