लद्दाख क्षेत्र में लगातार भारत और चीन के बीच बढ़ रहे विवाद के मध्य नजर उत्तराखंड के चमोली जनपद से लगी हुई सीमाओं पर भी अलर्ट जारी है हालांकि सीमा पर अभी तक कुछ ऐसी परिस्थितियां पैदा नहीं हुई है जिससे कोई मतभेद उत्पन्न हो लेकिन जब बात देशभक्ति की आती है तब नीति घाटी के ग्रामीणों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है देखा जाता है कि हर बार जब भी चीन भारत को धमकाने की कोशिश करता है या गीदड़ धमकियां देता है तब नीति घाटी के ग्रामीणों का खून खोलने लगता है युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक चीन के साथ युद्ध करने के लिए तैयार हो जाते हैं यहां के ग्रामीणों का कहना है कि अगर जरूरत पड़े तो भारतीय सेना के साथ नीति घाटी के लोग भी युद्ध के लिए मैदान में उतर सकते हैं गांव के बुजुर्ग शेर सिंह अपने नाम की तरह ही चीनी सेना से लड़ने को हर समय तैयार है उनका कहना है कि अगर मौका मिले तो हम चीन से लड़ सकते हैं लेकिन उनका यह भी कहना है कि हमें अपने भारतीय वीर सपूतों पर गर्व है जो कभी भी ऐसी स्थिति पैदा नहीं होने देंगे कि देश की आम जनता को भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ना पड़े उनका कहना है कि भारतीय सेना आज अपने आप में दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेना है और किसी भी मोर्चे पर चीन को हराने का दम रखती है। वही गांव के मंगल सिंह का कहना है कि नीति घाटी के लोगों ने हर समय भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है उनका कहना है कि इस घाटी में सेना हमारी सहायता करती है और हम सेना की सहायता करते हैं हम लोगों के बीच जो आपसी संबंध हैं वह एक परिवार की तरह हैं और हम एक परिवार की तरह इस घाटी में रहते हैं उन्होंने युद्ध जैसी स्थिति स्पष्ट कहां की जो गतिविधियां इस समय नीति घाटी में सेना के द्वारा हो रही है वह पूर्व में भी होती है लेकिन इस बार जिस तरीके से चीन और भारत के सैनिकों के बीच लद्दाख क्षेत्र मैं आपसी झड़प हुई है उससे थोड़ा तनातनी का माहौल दिख रहा है लेकिन इस घाटी में अभी ऐसी कोई स्थिति नहीं है ।सैनिकों का आवागमन पूर्व की भांति निरंतर चलता आ रहा है और हम अपने भारतीय सैनिकों के साथ बिल्कुल सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

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