पीपलकोटी की ऐतिहासिक रामलीला! — कलाकारों के शानदार अभिनय से देश ही नहीं विदेशी भी हो जाते हैं मंत्रमुग्ध।
ग्राउंड जीरो से संजय चौहान।
विगत 72 सालों से आयोजित हो रही चमोली जनपद के पीपलकोटी की ऐतिहासिक रामलीला का हर कोई मुरीद है। हर साल स्थानीय लोगों के अलावा देश के विभिन्न भागों से आये तीर्थ यात्री और विदेशी भी उक्त रामलीला का लुत्फ उठाते हैं। यह रामलीला बरसों से धार्मिक सौहार्द की मिसाल भी पेश करता आया है जिसमें हर धर्म के लोग खुशी खुशी अपना योगदान देतें हैं। पूरे प्रदेश में पौडी, अल्मोडा, उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग के बाद पीपलकोटी की रामलीला की अपनी अलग पहचान है। इस साल 15 अक्टूबर से पीपलकोटी में रामलीला का मंचन हो रहा है।
नई दिल्ली से अपनी टूर ट्रैवलर्स कंपनी के द्वारा तीर्थयात्रीयों को उत्तराखंड के धार्मिक स्थलों का भ्रमण करानें वाले खुशाल सिंह रौथाण कहते हैं कि 3-4 बार मुझे भी पीपलकोटी की रामलीला को देखने का मौका मिला। वाकई बहुत सुन्दर रामलीला होती है यहाँ। वही मेला कमेटी के सचिव अतुल शाह कहते हैं कि ये हमारी सांस्कृतिक विरासत और धरोहर हैं इन्हें संजोना बेहद आवश्यक है। यही हमारी पहचान है।
वहीं युवा पत्रकार कुलबीर बिष्ट का कहना है कि टीवी में सीरियल और फिल्मों के मोह को छोड़कर पीपलकोटी सहित पूरे बंड पट्टी के लोगों का हुजुम हर साल रामलीला को देखने उमड़ पड़ता है जो की इस बात को सिद्ध करता है कि आज भी पीपलकोटी की रामलीला अपनी पहचान को बनाये रखने में सफल हुआ है।