- साल 2025 तक डेढ़ लाख महिलाएं बनेगी लखपति दीदीः मुख्यमंत्री
- भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में राज्यस्तरीय ग्रामीण उद्यमिता विकास कार्यशाला का आयोजन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उन्होंने बचपन में अपनी मां को काम करते हुए देखा है, इसलिए उन्हें पता है कि माता और बहनों को क्या -क्या कठिनाइयां पेश आती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज महिलाएं स्वयं सहायता समूहों या निजी प्रयासों से शानदार उत्पाद तैयार कर रही है, जिसकी मांग पूरी दुनिया में है। सरकार सरस मेला, हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के जरिए उन्हें विपणन की सुविधा प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप जो भी उत्पाद तैयार कर रहे हैं, उसमें गुणवत्ता, पैकेजिंग और साफ – सफाई का पूरा ध्यान रखें, यदि इन बातों को अनुशासन में डाल दिया जाए तो सफलता मिलनी तय है। उन्होंने कहा कि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए व्यवसाय और स्वावलंबन के अधिक अवसर पैदा करने का प्रयास कर रही है। पलायन कम करने में माता बहनों की अहम भूमिका है।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सरकार मातृशक्ति के सशक्तिकरण के लिए विशेष तौर पर प्रयास कर रही है। महिला समूहों को बिना ब्याज के पांच लाख रुपए का लोन दिया जा रहा है, इसके साथ ही सशक्त बहना उत्सव योजना, सीएम महिला स्वंय सहायता समूह योजना भी संचालित की जा रही है। महिला स्वयं सहायता समूह योजना के तहत 84 करोड़ रुपए से अधिक का सहयोग प्रदान किया गया है, साथ ही ब्याज पर 25 करोड़ रुपए की छूट प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना के तहत अब तक 4 करोड़ 20 लाख रुपए का व्यवसाय किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार यात्रा मार्ग पर भी समूहों के आउटलेट खोल रही है, साथ ही दिल्ली में भी हाउस ऑफ हिमालयाज के तहत महिला समूहों के उत्पाद मिलेंगे। सरकार 2025 तक डेढ़ लाख बहनों को लखपति दीदी बनाने के लक्ष्य पर काम कर रही है।