देहरादून
रविवार को श्री केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग पर एसडीआरएफ की टीम ने 350 से अधिक लोगों को रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर सुरक्षित सोनप्रयाग पहुंचाया। वहीं, श्री केदारनाथ धाम से पैदल लिनचोली पहुंचे 300 से अधिक श्रद्धालुओं को चिड़वासा हेलीपेड तक सुरक्षित पहुंचाया गया।
सेनानायक एसडीआरएफ मणिकांत मिश्रा के नेतृत्व में एसडीआरएफ का सर्च एवं रेस्क्यू अभियान तीन टीमों के साथ लगातार जारी है।
सेनानायक मणिकांत मिश्रा ने बताया कि गौरीकुंड क्षेत्र में गहन सर्चिंग अभियान चलाया गया है। उन्होंने बताया कि पूर्व में लिनचोली और भीमबली क्षेत्र में सर्च अभियान जारी था, अब इसे गौरीकुंड क्षेत्र से भीमबली की ओर भी शुरू कर दिया गया है। उनके निर्देश पर SDRF डॉग स्क्वॉड भी सर्चिंग हेतु मौके पर रवाना हो चुका है।
आज गौरीकुंड और लिनचोली क्षेत्र में एसडीआरएफ की तीन टीमों द्वारा सर्च अभियान चलाया गया।
गौरीकुंड और मनकुटिया क्षेत्र में 350 यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। गौरीकुंड में इंस्पेक्टर अनिरुद्ध भंडारी की एक सब टीम सर्च का कार्य कर रही है। घटनास्थल मुनकटिया पर इंस्पेक्टर कर्ण सिंह के नेतृत्व में एक अन्य सब टीम कार्यरत है, जहां 350 से अधिक स्थानीय लोगों और 3 दिव्यांगों का भी रेस्क्यू किया गया। लिनचोली में
एसआई प्रेम सिंह के नेतृत्व में एक सब टीम के द्वारा लगातार सर्च अभियान जारी रहा। लिनचोली हेलीपैड से 74 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया और इसी टीम द्वारा 350 से अधिक लोगों को चिड़वासा हेलीपैड तक पहुँचाया गया।
श्री केदारनाथ से चौमासी होते हुए कालीमठ एसडीआरएफ की टीम ने 114 यात्रियों को सुरक्षित पहुँचाया है। इसके अतिरिक्त, गौरीकुंड-तोशी-त्रिजुगीनारायण मार्ग पर फंसे 11 लोगों को भी सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है। इनमें से 9 लोगों को स्थानीय लोगों की मदद से और 2 लोगों को एसडीआरएफ की टीम ने विषम परिस्थितियों में रेस्क्यू किया। इसी ट्रैक पर 4 अन्य लोगों के रास्ता भटकने की सूचना पर एसडीआरएफ उत्तराखंड पुलिस की टीम रवाना हो चुकी है। इंडियन आर्मी द्वारा बनाए जा रहे वैली ब्रिज के निर्माण में भी एसडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर सहयोग किया।
श्री केदारनाथ धाम में इंचार्ज सब इंस्पेक्टर मनोहर कन्याल ने बताया कि केदारनाथ हेलीपैड से 100 से अधिक लोगों को हेली रेस्क्यू किया गया है।