देहरादून उत्तराखंड में तीन पीपीएस अफसरों के आईपीएस रैंक में प्रमोशन के साथ ही ट्रांसफऱ पोस्टिंग के लिये भी रास्ता खुल गया है। सभी ने पोस्टिंग को लेकर अपना अपना जोड गुणा गणित लगाना शुरु कर दिया है वहीं अलग अलग अफसरों के लिये पोस्टिंग के अलग अलग कयास लगाए जाने लगे है ज्बकि जानकार कुछ और ही इशारा कर रहे है।
रेंज स्तर के तबादले को लेकर भी राज्य सरकार का होमवर्क बीते छह माह से पूरा नही हो पा रहा है। हलांकि जानकारों की मानें तो कुमाऊँ को लेकर बहुत पहले ही निर्णय हो चुका है बस आदेश का इंतजार है असल समस्या गढवाल रेंज को लेकर चर्चाओ में है। जानकारों की मानें तो रेंज के लिये चार अफसरों के नाम सबसे ज्यादा सुर्खियो में है ये सभी गढवाल मंडल के बडे जिलों के कप्तान भी रह चुके है। कोई दिल्ली तो किसी की पैरवी मुख्यालय स्तर से ज्यादा हो रही है। यात्रा के बाद मानसून आपदा सीजन की शुरूआत राज्य सरकार में आईपीएस अफसरों की बडी चेन तैयार करना फिलहाल कठिन व दूर की कौ़डी ही दिखता है।
बागेश्वर में एसपी पद पर हुई रिक्ती के सापेक्ष सरकार कप्तान नियुक्त कर चुकी है। पीपीएस से आईपीएस, में प्रमोट हुए अफसरों को तत्काल तैनाती दिया जाना न तो कोई बाध्यता है न ही तत्काल इसकी जरूरत महसूस हो रही है। सीओ से एडिशनल एसपी में प्रमोशन से भी कुछ जिलों के गणित में फेरबदल होगा। जानकारों की मानें तो कुमाऊँ के सबसे बडे जिले और गढवाल के सबसे अहम जिलों पर ही एक बड़ी तबादला लिस्ट अटकी हुई है। यदि इन दोनो जिलों को लेकर सरकार ने निर्णय़ लिया तो बडे बदलाव दिखेंगें अन्यथा गढवाल कुमांऊ के उंचाई वाले इलाको में ही परिवर्तन दिख सकता है।
शासन में सूत्र बताते है कि न तो गृह विभाग न ही सीएम दफ्तर में अभी किसी प्रकार के किसी तबादले को लेकर कोई चर्चा भी नही हुई है। हलांकि सबने अपने अपने तरीके से चर्चाओं को बल देना शुरू कर दिया हैा तबादला करना सरकार का निर्णय़ है वो किसी भी समय निर्णय़ ले सकती है ये सीएम का विशेषाधिकार है। हलांकि चर्चायें ये भी है कि अगस्त अंत से पहले कोई बडा फेरबदल होने की संभावना कम ही है।