जोशीमठ में भूधंसाव की चपेट में आए आवासों के बाद अब प्रशासन ने बाजार में दुकानें खाली करने के आदेश दिए हैं। पहले चरण में छह ऐसी दुकानें चिह्नित की गई हैं, जिनमें दरारें आ गई थीं। इन दुकानों को शिफ्ट करने का कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा अन्य असुरक्षित दुकानों को भी चिह्नित किया जा रहा है। बदरीनाथ हाईवे पर एसबीआइ के सामने नई दरार उभरी है, जिसे मिट्टी डालकर भरा जा रहा है। साथ ही, मलारी हाईवे पर चौड़ी हुई दरारों में भी मिट्टी भरकर उन्हें चलने लायक बनाया जा रहा है। उधर, जेपी कालोनी में फूटी जलधारा का प्रवाह भी घटकर 132 एलपीएम रह गया है।बीती गुरुवार रात से शुक्रवार देर रात तक वर्षा और बर्फबारी के चलते जोशीमठ में राहत कार्यों की रफ्तार धीमी पड़ गई थी। वहीं डिस्मेंटलिंग का काम पूरी तरह रोकना पड़ा था। वहीं विपरीत परिस्थितियों में प्रशासन की चुनौतियां भी काफी बढ़ गई थी।शनिवार को मौसम साफ होने पर राहत समेत भवनों को तोड़ने का काम फिर शुरू हुआ। हालांकि बर्फ पिघलने के चलते कार्यों की रफ्तार थोड़ी धीमी रही। लेकिन, रविवार को चटख धूप खिलने के बाद कार्यों ने रफ्तार पकड़ ली।आपदा प्रभावित जोशीमठ में डिस्मेंटलिंग के लिए चयनित 20 भवनों में से 19 को तोड़ने का काम चल रहा है। इनमें मलारी इन और माउंट व्यू दो होटलों समेत तीन आवासीय भवन, एक डाक बंगला और जेपी कालोनी के 14 भवन शामिल हैं।

जबकि, बीती रोज एक भवन स्वामी ने मुआवजे की मांग करते हुए डिस्मेंटलिंग टीम को लौटा दिया था। होटलों को तोड़ने का काम पहले शुरू हो गया था, जिसके चलते पांच पंजिला मलारी इन और छह मंजिला माउंट व्यू के एक-एक तल (फ्लोर) तोड़े जा चुके हैं।

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