हरिद्वार: तीर्थनगरी हरिद्वार में रविवार को स्वामी वामदेव की मूर्ति का अनावरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में शिरकत करने पूरे देश से साधु-संत हरिद्वार पहुंचे। इस क्रम में उन्नाव सांसद और संत साक्षी महाराज ने भी हरिद्वार पहुंचकर स्वामी वामदेव मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में शिरकत की।
इस दौरान सांसद साक्षी महाराज ने हाल ही में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या मामले में बात की। उनके अनुसार महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या नहीं की है उनकी हत्या हुई है। वहीं इस दौरान महंत नरेंद्र गिरि के सुरक्षाकर्मियों पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए उन्होंने गंभीर आरोप भी लगाए और सीबीआई से इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी करने की मांग भी की। साक्षी महाराज का कहना है कि अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मेरे परम मित्र महंत नरेंद्र गिरि बहुत बहादुर थे और वह कभी आत्महत्या के बारे में सोच नहीं सकते। मेरे द्वारा उनके सुसाइड नोट पर ही प्रश्न लगाया गया है कि यह सुसाइड नोट फर्जी है।
साक्षी महाराज ने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद करना चाहूंगा। साधु-संतों और हमने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी, जिसकी सिफारिश मुख्यमंत्री योगी द्वारा कर दी गई है। सीबीआई द्वारा इसमें दूध का दूध और पानी का पानी करना चाहिए। ताकि महंत नरेंद्र गिरि के हत्यारे पकड़े जाएं। मैं और कुछ संत सीबीआई डायरेक्टर से मिलकर इस मामले के जल्द खुलासे का आग्रह करेंगे। कहा कि यह भी सुनने में आ रहा है कि महंत नरेंद्र गिरि ने कुछ दिन पहले 25 करोड़ की संपत्ति बेची थी। इसमें क्या हुआ है क्या नहीं हुआ है इसका पर्दाफाश सीबीआई द्वारा किया जाएगा। इस घटना में कई बिंदु जांच के पहलू में आते हैं।
साक्षी महाराज ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे पास वाई प्लस सुरक्षा है तो मेरे सुरक्षाकर्मियों का दायित्व बनता है कि मुझे कोई खरोच न लगे। ठीक इसी तरह महंत नरेंद्र गिरि के पास भी एक दर्जन से ज्यादा सुरक्षाकर्मी थे, उसके बाद भी महंत नरेंद्र गिरि की हत्या हो गई। ऐसा क्यों हुआ? इसका उत्तर किसके द्वारा दिया जाएगा। वह सुरक्षाकर्मी कहां थे, क्या कर रहे थे, यह जांच का विषय है। सीबीआई जांच में सब कुछ निकल कर सामने आ जाएगा। साक्षी महाराज का यह भी कहना है कि अखाड़ों द्वारा पूर्व के समय से ही धर्म की रक्षा की जाती है और संतों पर ऐश और आराम की जिंदगी जीने का आरोप लगाना सही नहीं है।