जोशीमठ के उर्गम घाटी में नंदा अष्टमी का पावन पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है सोना सिखर से मा नंदा सुनोल और नंदी कुंड से मा नंदा गांव में पहुंच चुकी है इस दौरान मा नंदा का ग्रामीणों ने भव्य स्वागत किया मां नंदा को ब्रह्म कमलों से सजाया गया है ऊंचे हिमालय क्षेत्रों से गांव के फूलयारी ब्रह्मकमल तोड़कर लाए और मां नंदा को अर्पित किया मान्यता है कि मां नंदा ब्रह्म कमल मैं भंवरे के रूप में अपने मायके आती है और 3 से 4 दिन तक मायके में रहने के बाद फिर मायके वाले नंदा को कैलाश विदा करते हैं पहाड़ की आराध्य देवी नंदा को गांव के लोग अपनी बेटी के रूप में पूजते है गांव के स्थानीय निवासी रघुवीर सिंह ने बताया कि नंदा महोत्सव गांव में बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है इस दौरान दूर-दूर से लोग मां नंदा के दर्शनों के लिए पूछ रहे हैं रंग बिरंगी छतोली सजाई गई है नंदा माता के मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चारण के पाठ पूजा की जा रही है
ब्रह्मकमल से सजी मां नंदा देवी
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