7 फरवरी को ग्लेशियर टूटने के बाद रैणी में आई प्राकृतिक आपदा में रैणी पल्ली और वल्ली गांव की आराध्य देवी मां काली का मंदिर बह गया था। अनुमान लगाया जा रहा था कि मां काली की मूर्ति भी कहीं इस सैलाब में बह न गई हो लेकिन मां काली की ऐसी शक्ति और कृपा क्षेत्र वालों पर बनी रही की मां की मूर्ति गर्भ ग्रह से ठस से मस नहीं हुई गांव के लोग इसे मां काली का बड़ा चमत्कार मान रहे हैं।

रविवार को तपोवन-रैणी अपदा में रैणी में क्षतिग्रस्त काली मंदिर में स्थापित माँ काली की मूर्ति ग्रामीणों ने खोज निकाली है। यँहा ग्रामीणों को मन्दिर के साथ ही देवी के आभूषण भी मिल गए हैं। ग्रामीण मूर्ति के यथा स्थान मिलने की दैविक चमत्कार मान रहे हैं।
बता दें कि बीती 7 फरवरी को तपोवन क्षेत्र में आई आपदा के दौरान रैणी गांव में स्थित माँ काली का मंदिर पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था।
ग्राम प्रधान शोभा राणा, संग्राम सिंह, धाम सिंह, कुंदन सिंह, इंद्र सिंह और प्रताप सिंह का कहना है माँ काली क्षेत्र की अधिष्ठात्री देवी है। ग्रामीणों की माँ काली में अगाध श्रद्धा है। ऐसे में ग्रामीणों की ओर से माँ काली के मन्दिर की स्थापना को लेकर पौराणिक मूर्ति की खोजबीन की गई है। ये देवी की कृपा ही है कि आपदा के बावजूद भी माँ काली की मूर्ति गर्भगृह के यथास्थान मिल गयी है। अब रायसुमारी कर मन्दिर निर्माण की योजना बनाई जाएगी।

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