अपने पुश्तेनी खेत खलियान ओर बाप दादाओ द्वारा बनाये गए आशियानों को अपनी आँखों के सामने उजड़ने का दर्द उत्तराखंड के टिहरी ओर लोहरी गांव के ग्रामीणों के अलावा कोई नही समझ सकता। आखिरकार लम्बी जद्दोजहद के बाद कालसी तहसील के लोहारी गांव को मौके पर पहुंची प्रशासन की टीम ने खाली करा ही लिया। आपको बता दें कि 120 मेगावॉट की व्यासी जल विद्युत परियोजना के डूब क्षेत्र में आए लोहारी गांव को खाली कराये जाने की कवायद लम्बे समय से की जा रही थी।

लेकिन ग्रामीण मुआवजा दिये जाने और जमीन के बदले जमीन दिये जाने की मांग पर अड़े थे। हालांकि, कुछ समय पूर्व सभी प्रभावित परिवारों को मुआवजा की राशि दी जा चुकी है। लेकिन ग्रामीणों के विस्थापन का कोई हल नहीं निकल पाया है। वहीं दूसरी ओर व्यासी जल विद्युत परियोजना के पूरी हो जाने के बाद लोहारी गांव खाली न होने से दिक्कत आ रही थी, जिसके चलते प्रशासन ने सख्ती बरतते हुए ग्रामीणों को 48 घंटे में गांव खाली करवाने का नोटिस चस्पा किया और समय पूरा हो जाने के बाद  प्रशासन की टीम बुलडोजर लेकर गांव आ धमकी और अपनी कार्रवाई शुरू करते हुए गाँव को खाली करा दिया।

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