कैबिनेट के फैसले से नाराज दिखाई दे रहे हैं स्थानीय हक हकूक धारी उत्तराखंड सरकार के द्वारा चारों धाम के लिए बनाया गया साइन बोर्ड सर दर्द बनने जा रहा है कैबिनेट के द्वारा लिया गया यह फैसला अब कहीं उत्तराखंड सरकार की गले की फांस ना बन जाए क्योंकि बोर्ड का पूरे उत्तराखंड में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है बद्रीनाथ धाम, केदारनाथ धाम, गंगोत्री ,यमुनोत्री के पंडा समाज, हक हकूक धारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है धर्म और जाति के नाम पर एक बार फिर से भगवान बद्रीविशाल के दरबार में विरोध के स्वर शुरू हो गए हैं स्थानीय लोगों ने उत्तराखंड सरकार के द्वारा बनाए गए बोर्ड का विरोध किया है वहीं सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं लोगों का कहना है कि सरकार अपने निजी स्वार्थ के लिए पुरानी परंपराओं के साथ छेड़खानी कर रही है।
स्थानीय हक हकूक धारियों का कहना है कि सरकार शंकराचार्य द्वारा बनाई गई परंपराओं के साथ छेड़खानी कर रही है इसलिए साइन बोर्ड का समर्थन पंडा समाज और स्थानीय लोग बिल्कुल नहीं करेंगे उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार स्थानीय हक हकूक दारी जो चार धाम यात्रा से जुड़े हुए हैं उनके आजीवन की परंपराओं और उनकी रोजी-रोटी को छीनने का काम कर रही है जो लोगों को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं है

आज लोगों ने जगह-जगह चमोली जनता ने बैठक करके इस बोर्ड का जोर शोर से विरोध किया और प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की लोगों का कहना है कि अभी इस पूरे मसले पर पंडा समाज और हक हकूक धारियों के द्वारा बैठे के की जा रही है और आने वाले समय में इस और बड़ी रणनीति तैयार की जाएगी और 1 दिसंबर से विशाल आंदोलन उत्तराखंड सरकार के खिलाफ किया जाएगा।

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