उत्तराखंड कांग्रेस के नेताओं के बीच ख़राब सम्बन्ध की चर्चा हमेशा होती ही रहती है लेकिन सोशल मीडिया में एक चिठ्ठी वायरल हो रही है जिसको कांग्रेस अध्यक्ष करन महारा की चिठ्ठी बताया जा रहा है जिसमे उन्होंने पार्टी आलाकमान से प्रीतम सिंह के खिलाफ कार्यवाई की मांग की है
अब ये चिठ्ठी 2023 की बताई जा रही है जो एका एक अब जाकर वायरल हो रही है हालांकि NEWS HEIGHT इस चिट्ठी की पुस्टि नहीं करता चिट्टी में कुछ ये लिखा है
आदरणीय महोदय,
मैं समाचार पत्रों में प्रकाशित कुछ सामग्री को आपके संज्ञान तथा उचित कार्यवाही हेतु अग्रेषित कर रहा हूँ। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व कांग्रेस विधायक दल के नेता श्री प्रीतम सिंह प्रदेश में पार्टी के कामकाज को चलाने में सहयोग नहीं कर रहे हैं, बल्कि वे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उत्तराखंड, प्रदेश प्रभारी श्री देवेन्द्र यादव तथा कई बार अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संगठन महासचिव श्री के.सी. वेणुगोपाल जी के विरुद्ध नकारात्मक बयान देकर पार्टी कार्यकर्ताओं में भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं।
वे बिना किसी अधिकार के सत्तारूढ़ भाजपा सरकार से सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं तथा 19 विधायकों में से केवल उनका निर्वाचन क्षेत्र ही ऐसा है, जहाँ मुख्यमंत्री उत्तराखंड द्वारा कार्य कराए जा रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस विरोधी बयान देकर भाजपा की मदद करने का यही मुख्य कारण है।
उदाहरण के लिए- चंपावत उपचुनाव, अंकिता भंडारी हत्याकांड, जोशीमठ डूबने की घटना, भर्ती घोटाला, आदि, तो वे ऐसे बयान देते हैं जो कार्यकर्ताओं का मनोबल गिराते हैं। महोदय, पिछले साल 2022 के विधानसभा चुनाव हमारी पार्टी के पक्ष में थे, लेकिन वरिष्ठ नेताओं द्वारा इस तरह की लापरवाहीपूर्ण टिप्पणियों के कारण राज्य के चुनाव हार गए। इसी तरह, वह इस तरह का गैरजिम्मेदाराना व्यवहार दिखा रहे हैं और अपनी ही पार्टी के खिलाफ अस्पष्टता पैदा कर रहे हैं, जब कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनावों की तैयारी कर रही है। मैं आपके संज्ञान के लिए ऐसे कुछ पेपर कटिंग भेज रहा हूं (संलग्न)। इस समय जब पार्टी कार्यकर्ताओं को वरिष्ठ नेताओं से नैतिक प्रोत्साहन की आवश्यकता है, इस प्रकार के बयान और आचरण एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है, क्योंकि यह उत्तराखंड में कांग्रेस की मजबूती के लिए हानिकारक हो सकता है और इस प्रकार की नकारात्मक गतिविधियों को रोकने के लिए उचित कार्रवाई की आवश्यकता है।