उत्तराखंड में 2 फरवरी को यूसीसी ड्राफ्ट कमेटी की राज्य सरकार को ड्रॉफ्ट सौंपने के बाद से ही यूसीसी बिल का विरोध शुरू हो गया है हालाकि इसको अभी विशेष सत्र के दौरान 6 फरवरी को सदन के पटल पर रखा जाएगा लेकिन इससे पहले ही उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के शहर काज़ी, मुस्लिम सेवा संगठन और उत्तराखंड इमाम संगठन के लोगो ने संयुक्त प्रेस कर इसका विरोध किया
देहरादून शहर की जामा मस्जिद में हुई संयुक्त प्रेस में उत्तराखंड इमाम संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मुफ्ती रईस अहमद कासमी ने कहा कि यूसीसी ड्रॉफ्ट तैयार करने वाली कमेटी में अलग अलग धार्मिक गुरुओं को होना चाहिए था जो कि सरकार ने नही किया इससे साफ़ ज़ाहिर होता है यूसीसी बिल विशेष समुदाय के खिलाफ़ है साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि उत्तराखंड में कुछ जनजातियों को इससे अलग रखा गया है जिससे सरकार की मंशा साफ़ होती है उन्होंने कहा कि अगर ये बिल कुरान शरीफ यानी शरीयत के खिलाफ़ हुआ तो इसकी सड़को पर उतरकर मुखालफत की जायेगी
वही मुस्लिम सेवा संगठन के अध्यक्ष नईम कुरैशी ने कहा कि इददत इस्लाम में है और ये कुरान शरीफ़ से साबित हुआ है कुरान शरीफ़ अल्लाह की किताब है और इददत साइटीफिली भी सबने माना है कि वो एक सही प्रक्रिया है उन्होंने साफ कहा है कि अगर यूसीसी शरीयत के खिलाफ़ होगा तो इसका विरोध किया जाएगा।